जयपुर: राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिले वर्ष 2016 तक तंबाकू मुक्त होंगे। इसके लिए राज्य सरकार व स्वंयसेवी संस्थाएं इसके लिए प्रयासरत है।
कटारिया बुधवार को होटल कंट्री इन में द यूनियन (इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट टयूबरक्लोसिस एडं लंग डिजीज) की ओर से तंबाकू विज्ञापनों एवं तंबाकू को बढावा देने वाली प्रतिबंधित गतिविधियों को रोकने के विषय को लेकर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध को लेकर अलग से कानून बनाया गया जिसे विधानसभा में पारित कराया गया। इसी कानून के तहत प्रदेशभर में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों व बेचने वालों पर कानूनी कार्रवाई की गई। जिसका परिणाम यह हुआ कि आज कुछ हद तक इस प्रकार के उत्पादों में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के पांच जिले धूम्रपान से पूरी तरह से मुक्त हैं, और आने वाले सालों में पूरा प्रदेश तंबाकू मुक्त होगा। तंबाकू की खेती पर कटारिया ने कहा कि प्रदेश के कुछ स्थानों पर तंबाकू की खेती को लोग अपनी आजिवीका का साधन मानते थे लेकिन आज इसे बंद कर दिया गया है।
द यूनियन के डा.राना जे.सिंह ने कहा कि राज्य में करीब 72 हजार मौतें प्रतिवर्ष तंबाकू से हो रही है। तंबाकू वर्तमान में व्याप्त अन्य बीमारियों का भी प्रमुख कारण है। राज्य में 350 नये तंबाकू उपभोक्ता प्रतिदिन तैयार हो रहे है। राज्य सरकार को तंबाकू कर से गत वित्तीय वर्ष में 1000 करोड़ रुपये की आय हुई लेकिन राज्य में तंबाकू के उपयोग को कम करने हेतु इस राशि का एक प्रतिशत हिस्सा भी जन जागरुकता पर या आमजन की समझाइश पर खर्च नहीं किया गया।
सवाईमानसिंह अस्पताल,जयपुर के आंख,नाक,कान व गला रोग के विशेषज्ञ डा.पवन सिंघल ने बताया कि प्रतिदिन सवाई मानसिंह अस्पताल की ओपीडी में 1200 मरीज आते हैं, जिसमें से 80 से अधिक मरीज तंबाकू व धूम्रपान उत्पादों के सेवन से होने वाली बीमारियों से संबधित आते हैं।
डा. सिंघल ने बताया कि गुटखा व अन्य तंबाकू उत्पादों के सेवन से राज्यभर में लंग कैंसर तथा 80 प्रतिशत मुंह के कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू को ही माना गया है। तंबाकू शुगर, हार्ट अटैक, रक्तचाप, मुंह, गला एंव फेफड़े का कैंसर, आंखों की रोशनी चले जाना, हाथ पैरों में विकृति, नपुसंकता सहित अनेक प्रकार की बीमारियों का जन्मदाता है।
राजस्थान 2016 तक होगा तंबाकूमुक्त: कटारिया
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