दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सिविल विवादों को आपराधिक मामलों में बदलने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. सीजेआई संजीव खन्ना ने इस मामले में कहा कि यूपी में जो हो रहा है, वह गलत है. रोजाना सिविल मुकदमों को आपराधिक मामलों में बदला जा रहा है. यह बेतुका है. केवल पैसे न देने को अपराध नहीं बनाया जा सकता. ये कानून के शासन का पूरी तरह ब्रेकडाउन है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अब जो भी मामला आएगा, हम पुलिस पर जुर्माना लगाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में आपराधिक ट्रायल पर रोक भी लगाई है. साथ ही उत्तर प्रदेश के डीजीपी और जांच अफसर को भी तलब किया है और उसने जवाब मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने को कहा है. हालांकि बेंच ने साफ किया धारा 138 NI के तहत कार्यवाही जारी रहेगी. CJI जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा अजीब है कि यूपी में यह आए दिन हो रहा है. वकील भूल गए हैं कि सिविल अधिकार क्षेत्र भी है.
क्या है मामला
ग्रेटर नोएडा में पैसे के लेनदेन के एक मामले को पुलिस ने सिविल केस की जगह क्रिमिनल केस बनाते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी थी. याचिकाकर्ता का कहना था कि पुलिस ने पैसे लेकर मामले को क्रिमिनल बना दिया. इस मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह में उत्तर प्रदेश के DGP और पुलिस के जांच अधिकारी को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.