अजमेर: हाल ही में राजस्थान के अजमेर में स्थित आनासागर झील के किनारे बने सेवन वंडर्स पर बुलडोजर कार्रवाई हुई थी. हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट के पास जाने के बाद इस पर स्टे लगा दिया गया था. NGT ने इस निर्माण का अवैध और नियमों का उल्लंघन बताते हुए इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया था. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि निर्माण भले ही सुंदर हो, लेकिन नियमों का उल्लंघन हुआ है तो तोड़ना पड़ेगा. जिसके बाद बुलडोजर कार्रवाई शुरू हुई. इस दौरान पार्क में लगे स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की मूर्ति भी हटा दी गई. वहीं सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद कार्रवाई पर रोक लगी थी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने फिर से 7 वंडर्स को हटाने का आदेश दिया है. वह इन निर्माणों को तोड़े या कहीं और हटाएं. कोर्ट ने सरकार को 16 मई तक आदेश का पालन करने को कहा है. ऐसे में अब 7 वंडर्स को हटाने के लिए 30 दिन की मोहलत है.
वेटलैंड देने के प्रस्ताव पर ठोस फैसला नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आनासागर की वैटलेण्ड के बदले दूसरी वैटलेण्ड देने के प्रस्ताव पर फिलहाल कोई ठोस फैसला नहीं लिया है. सरकार को इस प्रस्ताव पर एक विस्तृत और वैज्ञानिक योजना पेश करने को कहा गया है. राज्य सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है. सवाल यह है कि सेवन वंडर्स को कहां शिफ्ट किया जाएगा और इसके लिए कितना खर्च होगा.
राज्य सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सेवन वंडर्स के ध्वस्तीकरण पर एक अनुपालन रिपोर्ट सरकार पेश करे. अदालत ने राज्य सरकार से कुछ महत्वपूर्ण रिपोर्ट्स भी मांगी हैं, जैसे दोनों वैटलेण्ड्स पर विस्तृत प्रस्ताव, NEERI और अन्य विशेषज्ञों की रिपोर्ट, सेवन वंडर्स के ध्वस्तीकरण पर रिपोर्ट और फूड कोर्ट को हटाने की स्थिति पर रिपोर्ट. अदालत ने स्पष्ट किया कि पार्क से संबंधित मुद्दे वेटलैंड के मुद्दे सुलझने के बाद सुने जाएंगे. अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 मई 2025 को होगी, तब यह तय होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाएंगे.
120 करोड़ के नुकसान की स्थिति
NGT ने अपने फैसले में स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि वेटलैंड क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य न किया जाए, लेकिन अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर निर्माण जारी रखा. इस वजह से अब 120 करोड़ रुपये के नुकसान की स्थिति पैदा हो गई है. बीजेपी नेता शेखावत ने मांग की कि इस नुकसान की भरपाई उन अधिकारियों से करवाई जाए, जिन्होंने मनमाने तरीके से फैसले लिए. NGT ने अजमेर स्मार्ट सिटी के तहत बने पार्क से झील के वेटलैंड के पारिस्थितिक संतुलन को नुकसान पहुंचने की बात कही थी.