ग्वालियर। हजरत निजामुद्दीन से ग्वालियर के बीच चलने वाली ताज एक्सप्रेस का नया रैक परेशानी बन गया है। एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच से लैस नए रैक की नई तकनीक की वजह से यह ट्रेन लेट हो रही है। ताज एक्सप्रेस में चेन पुलिंग होने पर लीक हो रहे एयरप्रेशर को रोकने में करीब 10 से 15 मिनट लग जाते हैं। जबकि पुराने रैक में एक वायर को खींचते ही एयरप्रेशर का लीकेज बंद हो जाता था और ट्रेन चलने लगती थी।

दरअसल ताज एक्सप्रेस की स्पीड बढ़ाने के लिए पूरे रैक को बदल दिया गया है। कन्वेंशनल कोच को हटाकर नए रैक में एलएचबी कोच लगाए गए हैं। जबसे नया रैक लगा है तो चेन पुलिंग होने पर ट्रेन अधिक डिटेन (खड़ी रहना) होने लगी है। दरअसल चेन पुलिंग होते ही एयरप्रेशर लीक होता है और ट्रेन रुक जाती है। एयरप्रेशर लीकेज बंद होने के बाद ही ट्रेन आगे बढ़ती है।

एलएचबी कोच में एयरप्रेशर लीकेज रोकने के लिए हॉस पाईप के पास चाबी लगती है, तब लीकेज रुकता है। यह चाबी ट्रेन में बैठे दो टेक्नीशियन के पास होती है, जो इंजन के ठीक पीछे वाले कोच में बैठते हैं। चेन पुलिंग होने पर पहले इन्हें एक कर्मचारी बुलाने जाता है।

इसके बाद यह लोग आते हैं और लीकेज बंद होता है। इसमें 10 से 15 मिनट लग जाते हैं। जबकि कन्वेंशनल कोचों में चेन पुलिंग होने पर एयरप्रेशर लीकेज रोकने के लिए हॉस पाईप के पास लगा वायर खींचने पर ही लीकेज बंद हो जाती थी। इसमें महज 3 से 5 मिनट लगते थे। ताज एक्सप्रेस में रोज चेन पुलिंग होती है। इसलिए इस ट्रेन की स्पीड तो बढ़ी नहीं, लेकिन ट्रेन डिटेन जरूरी होने लगी।

ये हो सकता है सुधारः

- रेलवे के तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार एलएचबी कोच में एयरप्रेशर लीकेज रोकने के लिए कन्वेंशनल कोचों की तरह ही वायर सिस्टम कर देना चाहिए, जिससे ट्रेन अधिक डिटेन न हो।

- हर रेलवे स्टेशन पर चाबी दे देनी चाहिए, जिससे टेक्नीशियन के भरोसे रेलवे कर्मचारी न रहें।

स्टेशन पर 10 मिनट खड़ी रही ट्रेनः

रविवार को ही अप ट्रेक की ताज एक्सप्रेस में चेन पुलिंग हो गई। चेन पुलिंग होने पर टेक्नीशियन नहीं पहुंचा तो ट्रेन करीब 10 मिनट ग्वालियर स्टेशन पर ही खड़ी रही। इसके बाद स्टेशन प्रबंधक पीपी चौबे, निरीक्षक आरपीएफ टीके अग्निहोत्री खुद भी वहां पहुंचे। यह लोग टेक्नीशियन को ढूंढ़ते रहे। कुछ देर बाद जब वह आया, तब एयरप्रेशर लीकेज रुका और ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई। यह समस्या रोज आ रही है।