ग्वालियर। एसएएफ ग्राउंड पर गणतंत्र दिवस की फाइनल रिहर्सल में अचानक गोली चलने की आवाज से अधिकारी व जवान सन्न रह गए। उन्होंने नजरें इधर-उधर दौड़कर देखा कि किसी को गोली लगी तो नहीं है। यह गोली किसी जवान की बंदूक से निकली थी।

रिहर्सल में यह चूक प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों व मौजूदगी में हुई है। फायर किस जवान की बंदूक से हुआ है? इस सवाल पर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन परेड कमांडर को बुलाकर कलेक्टर व एसपी ने फटकार लगाई है। गणतंत्र दिवस पर प्रदेश की उद्योग मंत्री यशोधराराजे सिंधिया ध्वजारोहण करेंगी।

एसएएफ ग्राउंड पर 26 जनवरी की परेड से पहले रविवार को फाइनल रिहर्सल की जा रही थी। रिहर्सल में मुख्य अतिथि के ध्वजारोहण से लेकर सलामी देने व सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी शामिल होती है। इस दौरान परेड कमांडर द्वारा सलामी देने के लिए कमांड दी गई। कमांड के साथ जवानों ने कंधे पर शस्त्र रखकर पहला फायर किया। दूसरे फायर के लिए हथियार लोड करने की कमांड दी गई। इसी बीच गोली चलने की आवाज आई। इस आवाज से जवान व पुलिस अधिकारी सन्ना रह गए।

परेड में ये हथियार रहते हैं शामिल गणतंत्र दिवस की परेड में बीएसएफ के जवानों के हाथों में इंसास, जिला पुलिस के जवानों व एसएएफ के जवानों के हाथों में परंपरागत थ्री नोट थ्री होगी।

प्लास्टिक की गोली से भी जा सकती है जान-

परेड में ऑरिजनल गोली की बजाय प्लास्टिक की गोली का उपयोग किया जाता है, जो हू-ब-हू ऑरिजनल गोली की तरह होती है। इसमें से केवल आवाज जाती है। बैलस्टिक एक्सपर्ट के अनुसार अगर यह गोली किसी व्यक्ति को काफी नजदीक से लग जाए तो जान भी जा सकती है।

एक जवान की बाद में चली गोली

परेड में गोली की आवाज आने के संबंध में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि परेड कमांडर के कमांड देने के बाद किसी जवान की गोली अटक गई, जो कि बाद में चली।

परेड कमांडर की बुलाकर दी हिदायत-रिहर्सल में मौजूद एएसपी योगेश्वर शर्मा ने परेड कमांडर को बुलाकर फटकार लगाई और हिदायत दी कि ऐसी चूक परेड के दौरान नहीं होना चाहिए। परेड में हथियारों को चेक करके लाएं।