ग्वालियर। यात्रियों को मुसीबत में तुरंत मदद उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्विटर पर सूचना देने का फण्डा रेलवे स्टॉफ के लिए मुसीबत बन रहा है। यात्री इसका दुरुपयोग भी कर रहे हैं। एक यात्री ने थू्र ट्रेन को चेन पुलिंग कर ग्वालियर में रोक लिया। वह भाग रहा था तो आरपीएफ ने पकड़ लिया। नियम तोड़ते पकड़े जाने पर उसने गलती तो नहीं मानी, लेकिन आरपीएफ को गुण्डा बताते हुए रेल मंत्री से गुहार लगाई। पूरी हकीकत सामने आने के बाद रेल मंत्रालय के आदेश पर युवक को हवालात में बंदकर उसके खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।

डबरा का रहने वाला रोहित पुत्र शंकर अग्रवाल अपने रिश्तेदार के यहां दिल्ली गया था। वह दिल्ली से वापस ग्वालियर आने के लिए हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पहुंचा। रेलवे स्टेशन पहुंचा तो ताज एक्सप्रेस निकल चुकी थी। इसके अलावा अन्य ट्रेनें लेट थी। हजरत निजामुद्दीन से तिरुपति जाने वाली एपी सम्पर्क क्रान्ति स्टेशन पर खड़ी थी। उसने इसी ट्रेन के लिए हजरत निजामुद्दीन से झांसी तक का टिकट ले लिया, क्योंकि इस ट्रेन का स्टॉपेज ग्वालियर में नहीं है। वह ट्रेन में सवार हो गया। ट्रेन दोपहर करीब 12 बजे जब ग्वालियर पहुंची, तो उसने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी। चेन पुलिंग कर वह उतरा और भागने लगा। आरपीएफ स्टॉफ ने उसे पकड़ लिया। पहले तो उसने आरपीएफ स्टॉफ के साथ अभद्रता की। इसके बाद जब आरपीएफ स्टॉफ उसे पोस्ट पर ले जाने लगा तो उसने अपने मोबाइल से रेल मंत्री के ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया कि उसके पास टिकट होते हुए भी उसे आरपीएफ स्टॉफ ने पकड़ लिया है। स्टॉफ उसके साथ गुण्डागर्दी कर रहा है। यह ट्वीट मिलते ही कंट्रोल रूम से झांसी रेल मंडल के कंट्रोल को मैसेज कर दिया गया। रेल मंत्रालय से रोहित के मोबाइल पर फोन आया। यहां रोहित से मामले की जानकारी ली गई। रेलवे अधिकारी ने आरपीएफ स्टॉफ से फोन पर बात कराने को कहा, तो इसने फोन काट दिया। इसके बाद फिर कॉल आया, तो आरपीएफ स्टॉफ ने उससे मोबाइल लेकर कॉल अटैंड किया। आरपीएफ के एसआई संजीव राणा ने फोन पर बात की और रेलवे अधिकारी को पूरा माजरा बताया। इस पर तो रेलवे अधिकारी ने आदेश दिया कि इस तरह की झूठी जानकारी देने वाले यात्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। आरपीएफ स्टॉफ ने इसे हवालात में बंद कर दिया। इसके बाद उसके खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।

पंजाब मेल में महिला के बीमार होने की दी थी झूठी जानकारी

पिछले सप्ताह डाउन की पंजाब मेल के स्लीपर कोच में एक महिला के बीमार होने की झूठी जानकारी रेल मंत्री के ट्विटर अकाउंट पर डाली गई थी। ट्वीट होते ही ग्वालियर में रेलवे डॉक्टर पहुंच गए, लेकिन वह पीएनआर नंबर फर्जी था। उस नाम की महिला पूरे कोच में सवार नहीं थी। जिस सीट की जानकारी दी थी, उस पर दूसरा यात्री सवार था।