भोपाल । पुलिस ने शुक्रवार को एक अंतर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह का खुलासा किया है। इसका सरगना महज दसवीं पास है, लेकिन लेपटॉप और सॉफ्टवेयर चलाने में इतना माहिर है कि कुछ मिनटों में ही जीपीएस सिस्टम बेकार कर देता था। इसके बाद अपने साथियों की मदद से कार को शहर की सीमा पार करवा देता था। उसने चोरी का आइडिया हॉलीवुड की फिल्म 'गॉन इन 60 सेकंड' देखकर लिया था। डीआईजी रमन सिंह सिकरवार ने बताया कि पकड़े गए पांच आरोपियों से नौ कार व एक स्कूटर जब्त कर किया गया है।

डीआईजी ने बताया कि कोहेफिजा पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर 12 सितंबर को टैगोर वार्ड, गांधी नगर निवासी शाहरुख खान उर्फ वासीद (25) को चोरी की एक्टिवा के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने खुलासा किया वह अपने साथियों गांधी नगर निवासी सिराज उर्फ अहमद अली (20), फराज पठान उर्फ भैया (20) और जैक्शन सैम्युअल उर्फ चिट्टा (28) के साथ मिलकर वाहन चोरी की वारदातें करता है। इस पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने उनके पास से तीन इनोवा, पांच टवेरा, एक इंडोगो, एक जीप और एक एक्टिवा के साथ ही लेपटॉप, आईफोन, देसी कट्टा, चाकू और लूट के चार मोबाइल जब्त किए। इसके बाद उनकी निशानदेही पर पुलिस ने चोरी के वाहन ठिकाने लगाने वाले सेफिया कॉलेज रोड निवासी उबेद अहमद (30) को भी गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इस पूरे गिरोह को चला रहा मुख्य आरोपी ईरानी डेरा निवासी बाबर उर्फ मामू ईरानी (50) फरार है।

पुलिस की भी मदद कर चुका है

डीआईजी ने बताया कि शाहरुख इंदौर के एक वाहन चोर गिरोह को पकड़वाने के लिए पुलिस की मदद भी कर चुका है। उसने बताया था कि चोरी में ज्यादा रुपए नहीं मिलने पर ही पुलिस के लिए मुखबिरी की थी। इसके बाद उसने अपना गिरोह बना लिया। पहले वह डुप्लीकेट चाबियों की मदद से वाहन चुराते थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने लग्जरी कारों पर हाथ मारना शुरू कर दिया। डीआईजी के मुताबिक शाहरुख पान की दुकान चलाता था और सिराज माय कैब में काम करता था। दोनों को हॉलीवुड फिल्म देखने का शौक था। उन्होंने 'गॉन इन 60 सेकंड' नाम की फिल्म देखी और कार चोरी का तरीका इजाद कर लिया।

नए वाहन होते थे निशाने पर

शाहरुख ने बताया कि वह बाबर के लिए काम करते थे। उन्हें नए वाहन मॉडल नंबर के साथ चोरी के लिए ऑर्डर पर मिलते थे। शहर में तलाश करने पर जब उन्हें वाहन नहीं मिलते तो वे कैब कंपनी के माध्यम से चाहे गए मॉडल नंबर की गाड़ी बुक करा लेते थे। इसके बाद रास्ते में मौका पाते ही ड्राइवर को बंधक बनाकर कार लूट लेते थे। इस काम के लिए टीम के हर सदस्य को 15 से 20 हजार रुपए मिलते थे।

इंदौर की कार चोरी के बाद पीछे पड़ी पुलिस

25 अगस्त को इंदौर निवासी मुजफ्फर खान ने इनोवा कार लूट की शिकायत कोहेफिजा थाने में की थी। उन्होंने बताया था कि आरोपियों ने स्टार कैब से उनकी कार इंदौर से रायसेन के लिए बुक की थी। आरोपियों ने लालघाटी के पास चालक मो. सोहेल को पेड़ से बांधकर कार लूट ली थी।