
लखनऊ में आवास विकास परिषद की विभिन्न योजनाओं में प्रधानमंत्री आवास के उन आवंटियों के लिए राहत भरी खबर है, जिनके आवंटन निरस्त हो चुके हैं. पीएम आवास के आवंटन के बाद से करीब 400 से अधिक आवंटियों ने एक भी किस्त नहीं जमा की है. इससे परिषद ने उनका आवंटन निरस्त कर दिया है. अब आवास विकास परिषद की 271वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया है कि ऐसे आवंटियों को एक बार उनके निरस्त आवास के पुर्नजीवित कराने का मौका दिया जाएगा, लेकिन उन्हें पूरा बकाया एक मुश्त जमा करना होगा.
अब शालीमार कॉर्प लिमिटेड उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 के तहत बाराबंकी जिले के खजूरगांव एवं तिन्दोला गांव तहसील नवाबगंज में 158.79 एकड़ में टाउनशिप ला रहा है. परिषद की तरफ से लाइसेंस दिया गया है. मंगलवार को डीपीआर को भी मंजूरी दे दी गई. बुधवार को प्रमुख सचिव आवास पी गुरु प्रसाद की अध्यक्षता में आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक में 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इसके अतिरिक्त बोर्ड बैठक में सरकारी व अर्ध सरकारी भवनों को दिए जाने वाले भूखण्डों की लीज अवधि बढ़ाए जाने, कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता दो प्रतिशत बढ़ाए जाने समेत एक कनिष्ठ लेखाधिकारी की पेंशन से कटौती करने व एक अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई को मंजूरी दी गई है.
अपर आवास आयुक्त एवं सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया परिषद की योजनाओं में प्रधानमंत्री आवास बनाए गए हैं. लॉटरी प्रक्रिया के बाद आवंटित फ्लैटों के आवंटियों की ओर से पैसा जमा करने में समस्या आ रही है. इस बाबत करीब 400 से अधिक फ्लैटों का आवंटन एक भी किस्त न जमा किए जाने से निरस्त कर दिया गया है, लेकिन निम्न वर्ग की इस समस्या को देखते हुए बोर्ड ने निर्णय लिया है कि ऐसे लोगों को एक बार और मौका दिया जाए. इसके लिए पंजीकरण राशि जमा करने के बाद किस्त न देने वाले आवंटी अपने फ्लैट के पुर्नजीवन के लिए आवेदन कर सकेंगे.
अभी तक एक महीने तक ही सुविधा मिलती है, अब उन्हें एक साल तक यह मौका मिलेगा. हालांकि अपना फ्लैट पाने के लिए आवंटियों को पुर्नजीवन शुल्क के तौर पर पंजीकरण धनराशि का 40 प्रतिशत यानी करीब दो हजार रुपये देने के साथ ही फ्लैट का पूरा पैसा एक मुश्त जमा करना होगा. बाराबंकी के देवां स्थित खजूर गांव में धारा-28 की कार्यवाही की गई है. इसके तहत यहां 158 एकड़ में टाउनशिप विकसित करने के लिए निजी बिल्डर शालीमार की डीपीआर को हरी झंडी दी गई है. उन्होंने बताया इंटीग्रेटड टाउनशिप लाइसेंस के तहत बिल्डर ने 90 प्रतिशत जमीन खरीद ली है.
अनुबंध के तहत दो एकड़ जमीन आवास विकास की ओर से अधिग्रहित कर दी जाएगी. बिल्डर की 10 प्रतिशत 15 एकड़ जमीन को बंधक रखा जाएगा. डीपीआर के अनुसार, बिल्डर को पांच साल में योजना विकसित करनी होगी. यहां मकान बनाकर बेचे जाएंगे. किसान पथ से कनेक्टेड और बाराबंकी जिले में विकसित की जाने वाली शालीमार की टाउनशिप परियोजना प्रस्तावित स्टेट कैपिटल रीजन का हिस्सा होगी. इसकी लैंडस्केप प्लानिंग भी अंतरराष्ट्रीय शैली में की जाएगी. किसान पथ से जुड़ाव से लखनऊ और आसपास के प्रमुख शहरी केंद्रों से सहज सम्पर्क मिलेगा. वहीं इंटीग्र्रेटड टाउनशिप के नियमानुसार 20 प्रतिशत ईडब्लूएस व एलआईजी भवन बिल्डर को बनाने होंगे. इस गांव में 2016 में आवास विकास परिषद ने आवासीस योजना लॉन्च करने की योजना बनाई थी.
लीज अवधि में की गई बढ़ोतरी
सचिव नीरज शुक्ला ने बताया ने बताया सरकारी व अर्ध सरकारी विभागों को उनके कार्यालय व अन्य प्रयाजनों के लिए लीज पर दिए जाने वाले भूखण्डों की लीज अवधि 10 प्रतिशत नीलामी मूल्य का लेते हुए समय वृद्धि दिए जाने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया है. अभी तक परिषद की ओर से 15 वर्ष तक समय वृद्धि बढ़ाए जाने का नियम था. इसके अतिरिक्त सेवानिवृत्त वरिष्ठ सहायक के विरुद्ध सिविल सर्विस रेगुलेशन्स के तहत विभागीय जांच की संस्तुति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है.