भोजपुरी म्यूजिक की दुनिया के लोकप्रिय सितारे पवन सिंह हैं. उन्हें बीजेपी ने आसनसोल सीट से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन तृणमूल कांग्रेस की तरफ से विवाद खड़ा करने के बाद उन्हें खुद से उस सीट से हटना पड़ा. तब पवन सिंह ने भोजपुर क्षेत्र की आरा सीट से चुनाव लड़ने की कोशिश की थी, लेकिन इसमें कामयाब नहीं हुए. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, निराश पवन ने कुछ दिन पहले बसपा नेता मायावती से मुलाकात की. कयास लगाए जा रहे थे कि वह बिहार की काराकाट सीट से बीएसपी के उम्मीदवार हो सकते हैं. लेकिन पवन सिंह काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे.
काराकाट लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी के नेता उपेन्द्र कुशवाहा चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. उनके खिलाफ विपक्षी महागठबंधन के उम्मीदवार सीपीआई (ML) नेता राजाराम सिंह कड़ी टक्कर देने की तैयारी में हैं. ऐसे समय में मोदी समर्थक भोजपुरी स्टार पवन मंच पर दिखे. कई लोगों को लगता है कि घायल बाघ पवन अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल बीजेपी गठबंधन के खिलाफ करना चाहेंगे.
भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री के एक और सितारे गुंजन सिंह भी 'निर्दलीय' के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल कर बीजेपी की राह में रोड़ा बन सकते हैं. वह नवादा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. भगवा खेमे में यह चिंता जायज है कि गुंजन इस सीट से लड़ेंगे और बीजेपी के वोट काटेंगे. हालांकि, नवादा में प्रतिद्वंद्वी राजद के बीच तीखे मतभेद से बीजेपी को काफी राहत मिल रही है.
राजद ने यहां श्रवण कुशवाहा को मैदान में उतारा है. लेकिन पार्टी के असंतुष्ट उम्मीदवार विनोद यादव निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गये, जिससे महागठबंधन में असहजता पैदा हो गयी. कसावा विधानसभा क्षेत्र के दो विधानसभाओं रजौली और नवादा के राजद विधायकों ने नाराज उम्मीदवारों के लिए खुलकर प्रचार करना शुरू कर दिया है.
जब भोजपुरी सिंगर गुंजन सिंह नवादा में अपना नामांकन पत्र जमा करने आये तो उनके साथ बिहार के यूट्यूबर मनीष कश्यप भी थे. तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमले के कश्यप के वीडियो ने विवाद पैदा कर दिया. तमिलनाडु पुलिस ने वीडियो को फर्जी बताते हुए कश्यप को गिरफ्तार कर लिया था. बिहार सरकार ने भी उनके खिलाफ कार्रवाई की. नौ महीने जेल में बिताने के बाद अब वह चुनावी की समर में हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि आखिर पवन सिंह और गुंजन सिंह चुनाव में टिक पाएंगे या नहीं?