उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों और सरकार के बीच सोमवार को बातचीत बेनतीजा रही. जिसके बाद डीजीपी ने उग्र प्रदर्शन की आशंका के मद्देनजर सभी जिलों के कप्तानों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है.

डीजीपी सुलखान सिंह के निर्देश के पर एडीजी लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार ने सभी जिलों को सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. एडीजी ने कहा कि किसी भी जिले में कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने वाले शिक्षामित्रों से सख्ती से निपटा जाएगा.

गौरतलब है कि सरकार ने सोमवार को शिक्षामित्रों के सुझाए सभी विकल्पों को ठुकरा दिया. बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरपीसिंह ने शिक्षामित्रों के विभिन्न संगठनों से वार्ता में दो टूक कहा, सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही आगे बढ़ेगी. जिसके बाद सरकार और शिक्षामित्रों के बीच वार्ता विफल हो गई. इससे नाराज शिक्षामित्रों ने बीजेपी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए मंगलवार से आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है.

समायोजन रद्द होने से नाराज शिक्षामित्रों के प्रदेशव्यापी आंदोलन के छठे दिन सोमवार शाम को अपर मुख्य सचिब आरपी सिंह ने विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया. इस दौरान उन्होंने कहा, “ सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेगी. लिहाजा सहायक अध्यापक को शिक्षा मित्र के पद पर लौटना होगा. सरकार उनका मंदी 3, 500 से बढ़ाकर 10, 000 रूपये महीने कर देगी."

उन्होंने कहा शिक्षामित्रों को टीईटी पास करने के दो मौके दिए जाएंगे. शिक्षक भर्ती में टीईटी पास करने पर है पात्रता दी जाएगी, लेकिन शिक्षकों को भर्ती में कोई वरीयता नहीं दी जाएगी.

उन्होंने शिक्षकों के गैरशैक्षणिक पदों पर समायोजित करने समेत अन्य विकल्पों पर भी असमर्थता जाहिर की. हालांकि उन्होंने बीटीसी, हाईस्कूल, अन्तर पर वेटेज देने और अनुभव पर प्रतिवर्ष 4 अंक देने पर सैद्धांतिक सहमती दी.