कर्नाटक से हाल ही में गिरफ्तार हुए माइक्रोचिप रैकेट सरगना प्रकाश नूलकर के ताजा खुलासे के मुताबिक उसने पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल व डीज़ल की चोरीकरने की ट्रिक को सीखने के लिए कुल 25 देशों की यात्रा की थी. यही नहीं, वर्ष 1998 से 2017 के दौरान वह 40 बार विदेशी दौरे पर भी गया था...
गत 11 जुलाई को कर्नाटक के हुबली जिले से गिरफ्तार किया गया रैकेट सरगना 56 वर्षीय प्रकाश नूलकर चिप रैकेट में शामिल होने से पहले एक फ्यूल डिस्पेंसरबनाने वाली कंपनी के लिए काम करता था. कहा जाता है कि यहीं से पेट्रोल पंपों से पेट्रोल की चोरी करने का आइडिया ने उसके दिमाग में जन्म लिया था, जिसेसाकार करने के लिए वह कई देशों की यात्राएं की. इनमें चीन, जापान और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश प्रमुख हैं.
रैकेट सरगना नूलकर ने थाने क्राइम ब्रांच टीम को बताया कि फ्यूल डिस्पेंसर में माइक्रोचिप को लगाकर पेट्रोल चोरी की ट्रिक सीखने के बाद उसने चीन सेमाइक्रोचिप इंपोर्ट के जरिए भारत मंगवाएं और भारतीय पेट्रोल पंपों की नोजल के आकार के मुताबिक माइक्रोचिप में परिवर्तन करवाने के बाद पहले महाराष्ट्र में औरबाद में देश के बाकी हिस्सों के पेट्रोल पंपों में रैकेट के जरिए भेजना शुरू किया.
पेट्रोल पंपों को माइक्रोचिप युक्त नोजल की सप्लाई करने वाले इस रैकेट में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर विवेक साठे की बड़ी भूमिका थी, जिसे पुलिस ने फिलहालगिरफ्तार कर लिया है.