जम्मू : सशस्त्र बलों ने बाढ़ प्रभावित जम्मू कश्मीर में बचाव प्रयास तेज कर दिया है, जहां अभी तक 12,500 लोगों को सेना ने जलमग्न क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। वहीं, वायुसेना ने बचाव एवं राहत कार्य में और विमान एव हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं तथा इस संकट से निबटने के लिए आपदा निगरानी केंद्र खोला है। जम्मू कश्मीर में बाढ़ से भारी विनाश के बीच अब तक इससे करीब 150 लोगों की मौत हो चुकी हैं, जबकि कई अन्य प्रभावित हुए हैं। राहत अभियान आज तेज कर दिया गया।  

उधर, जम्‍मू-कश्‍मीर में सोमवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने आज अलर्ट जारी किया है। राज्‍य में अगले 24 घंटे में भारी बारिश की आशंका जताई गई है। बाढ़ से बिजली व्‍यवस्‍था चरमरा गई है। मोबाइल और फोन सेवाएं भी प्रभावित हो गई हैं। वहीं, उधमपुर में भूस्‍खलन से करीब 30 लोगों के मारे जाने की खबर है। मौसम में सुधार आने से बचाव एवं राहत कार्य में तेजी आई है। वायुसेना ने राहत कार्य में 29 विमान एवं हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं।

सेना की उत्तरी कमान के एक अधिकारी ने कहा कि वायुसेना कमान ने उभरती हुई स्थिति में मदद में हाथ बंटाने के लिए अपने सभी हवाईअड्डों को बिल्कुल तैयार रहने को कहा है। उन्होंने बताया कि पश्चिम वायु कमान मुख्यालय ने श्रीनगर, उधमपुर, जम्मू और सारसवा समेत अपने सभी हवाई अड्डों के प्रयासों के बीच तालमेल कायम करने के लिए आपदा निगरानी इकाई भी खोली है। रिपोर्ट है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से अबतक 850 लोग हवाई मार्ग से निकाले गए हैं। उनमें से 401 कल निकाले गए।

गौर हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित इस राज्य के लिए 1000 करोड़ रूपये की सहायता मुहैया कराने की घोषणा की। नदियों और अन्य जल धाराओं में बाढ़ से अस्पतालों सहित कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और कई क्षेत्रों से सड़क और संचार सम्पर्क टूट गया है। श्रीनगर स्थित सैन्य छावनी, सिविल सचिवालय और उच्च न्यायालय भी जलमग्न हो गए हैं। जम्मू में स्थिति सुधरने लगी है लेकिन बुधवार से हो रही बारिश से कश्मीर का बड़ा हिस्सा बाढ से प्रभावित है। राज्य सरकार ने 12 सितंबर तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है।

मौसम में सुधार के संकेत मिलते ही राहत प्रयास तेज कर दिए गए हैं और सेना ने 184 कालम (प्रत्येक में 75 से 100 कर्मी) तैनात किये हैं जबकि वायुसेना ने 29 विमान और हेलीकाप्टरों को सेवा में लगाया है, आपदा निगरानी इकाई गठित की है और अपने सभी अड्डों को हाई अलर्ट पर रखा है। सेना और वायुसेना ने विभिन्न क्षेत्रों से 13 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला है। यद्यपि निचले इलाकों में इमारतों की उपरी मंजिलों में कई लोग अब भी फंसे हुए हैं और मदद की प्रतीक्षा कर रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मदद उनके पास जल्द पहुंचेगी।