नई दिल्‍ली : सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्‍हा से उनके खिलाफ एक आवेदन में लगाए गए आरोपों पर एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक से कहा कि जो भी आप हमें बताना चाहते हैं, हमें साफ साफ बताएं। शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि सीबीआई निदेशक के खिलाफ जो कुछ कहा गया है वह बहुत गंभीर है और वह यह नहीं कह सकते कि वह हलफनामा दाखिल नहीं करेंगे।

सीबीआई डायरेक्‍टर पर कोल घोटाले के आरोपियों से मिलने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने विजिटर बुक को कब्‍जे में ले लिया है। कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई डायरेक्‍टर के ऊपर गंभीर आरोप हैं। गौर हो कि प्रशांत भूषण ने इस मामले में याचिका दायर की है

सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों कहा था कि वह सीबीआई निदेशक के घर में प्रवेश करने वाले लोगों की सूची से संबंधित दस्तावेजों पर तब तक संज्ञान नहीं ले सकता, जब तक कि ये रिकॉर्ड में नहीं रखे जाते। इसके साथ ही उसने अधिवक्ता प्रशांत भूषण से कहा कि वह एक हलफनामा दायर करें, जिसके साथ अनुलग्नक में यह सामग्री रखी जाए। कार्यवाही के शुरू में ही न्यायमूर्ति एचएल दत्तू के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि उसने दस्तावेजों को देखा है और वांछनीय है कि इन्हें हलफनामे के साथ रखा जाए। पीठ ने कहा कि हमने दस्तावेजों को देखा है। हम तब तक इन पर संज्ञान नहीं ले सकते जब तक इन्हें रिकॉर्ड में नहीं रखा जाता।

न्यायालय ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण से हलफनामा दायर करने को कहा। पीठ मुद्दे पर तत्काल सुनवाई करने पर सहमत हो गई और इसके लिए सोमवार को न्यायालय के सामान्य समय से आधा घंटे पहले सुबह 10 बजे बैठने का फैसला किया। पीठ ने सीबीआई निदेशक की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने आग्रह किया था कि मीडिया को दस्तावेजों के आधार पर खबर लिखने से रोका जाए। सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने दस्तावेजों के स्रोत और सत्यता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उनकी निजता का अधिकार और प्रतिष्ठा इस मामले से जुड़ी है और उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वे मीडिया को इससे दूर रखें।

सीबीआई के निदेशक ने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये सभी बयान पूरी तरह झूठ हैं। वकील ने यह सवाल भी उठाए कि शीर्ष अदालत की ओर से इन दस्तावेजों को उसके समक्ष सील बंद लिफाफे में पेश किए के निर्देश दिए जाने के बावजूद ये दस्तावेज लीक कैसे हो गए। सिंह ने अनुरोध किया कि शीर्ष अदालत को भूषण से पूछना चाहिए कि उन्हें ये दस्तावेज किस स्रोत से प्राप्त हुए।