नई दिल्‍ली : बलात्कार मामले में घिरे विवादास्पद स्वंयभू धर्मगुरु स्‍वामी नित्यानंद का पौरूष परीक्षण सोमवार को किया जाएगा। गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 2010 के बलात्कार मामले में नित्यानंद स्वामी को पौरूष परीक्षण कराने का निर्देश दिया था।इस मामले की बीते दिनों हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने मामले में ‘प्रगति नहीं होने’ के लिये नित्यानंद और कर्नाटक पुलिस को आड़े हाथ लिया था। न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और न्यायमूर्ति एनवी रमण की खंडपीठ ने पौरूष परीक्षण से बचने का प्रयास कर रहे नित्यानंद की अपील खारिज करते हुये कहा था कि आरोपी को खुद को चिकित्सीय परीक्षण के लिये पेश करना होगा।

न्यायालय ने इस मामले में अभियोजन के ढुलमुल रवैये की तीखी आलोचना करते हुये नाराजगी व्यक्त की थी। न्यायालय ने कहा कि वह इस उम्मीद के साथ फैसला दे रहे हैं कि अब इसमें और विलंब नहीं होगा। उम्मीद है कि अभियोजन और आरोपी अदालत के साथ सहयोग करेंगे ताकि निकट भविष्य में सुनवाई पूरी हो सके। न्यायालय ने इस मामले में पक्षकार बनाने के लिये नित्यानंद की शिष्या तमिल अभिनेत्री रंजीता मेनन का अनुरोध भी ठुकरा दिया था। न्यायालय ने कहा कि वह इन याचिकाओं का दायर नहीं बढ़ाना चाहता। रंजीता का कहना था कि पीड़िता के रूप में उसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।

न्यायालय ने 20 पेज के फैसले में कहा था कि आपराधिक याचिकाओं के निबटारे में इतना अधिक विलंब हमारी ओर इंगित कर रहा है। इस मामले में शिकायत चार मार्च, 2010 की है। अपराध का संज्ञान दिसंबर, 2010 में लिया गया। याचिकाकर्ताओं ने 2011-12 में याचिकायें दायर कीं। अब हम 2014 में हैं। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने नित्यानंद और उनके चार अनुयाइयों के खिलाफ रामनगरम अदालत के गिरफ्तारी के गैर जमानती वारंट पर एक अगस्त को रोक लगा दी थी। उच्च न्यायालय ने नित्यानंद को अपना मेडिकल परीक्षण कराने के लिये जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था।