नई दिल्ली : पिछले 3 महीने में मोदी सरकार के आर्थिक सुधार के प्रयासों को बेहतर नहीं मानते हुए उद्योग जगत की निराशा से अगले 6 महीनों में अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की रफ्तार में तेजी आने की उम्मीद नहीं है।
वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम और शोध सलाह देने वाली कंपनी बिजकॉन के संयुक्त सर्वे से यह खुलासा हुआ है। सर्वे के अनुसार वृहद आर्थिक परिदृश्यों के प्रति सकारात्मक राय रखने वाली कंपनियों की संख्या में पिछले 3 महीने के दौरान गिरावट आई है। इस सर्वे के अनुसार 51.6 प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि अप्रैल से जून के दौरान रोजगार के क्षेत्र में भी कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ है। उनका कहना है कि आने वाले समय में भी इसमें सुधार की कोई खास उम्मीद नहीं दिख रही है।
मार्च 2015 में किए गए सर्वे में 82.6 प्रतिशत कंपनियों का आर्थिक सुधारों के प्रति सकारात्मक रुझान रहा था लेकिन जून के सर्वे में सकारात्मक रुख रखने वाली कंपनियों का प्रतिशत गिरकर 54.8 रह गया है। सर्वे के अनुसार 61.5 कंपनियों का मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था के हालात अब भी लगभग वैसे ही हैं जैसे आज से 6 महीने पहले थे। हालांकि, औद्योगिक उत्पादन और विकास के संदर्भ में तब की परिस्थिति अभी से बेहतर ही थी। घरेलू निवेश के बारे में 51.6 प्रतिशत कंपनियों का कहना है कि उनके निवेश की योजनाओं में कोई परिवर्तन नहीं आया है।