भोपाल : केंद्र सरकार के ऐलान के बाद नगर निगम ने राजधानी में स्मार्ट सिटी की संभावनाएं तलाशने का काम तेज कर दिया है। सबसे पहले न्यू मार्केट को स्मार्ट सिटी में तब्दील करने की संभावनाओं पर प्री-फिजिबिलिटी सर्वे किया जाएगा। नगर निगम मुंबई के भिंडी बाजार की तर्ज पर न्यू मार्केट का स्मार्ट सिटी प्लान तैयार करेगा। जिसकी लागत 1700 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है।
 
नगर निगम न्यू मार्केट को स्मार्ट सिटी के लिए बेहतर विकल्प के रूप में देख रहा है। इसकी वजह है न्यू मार्केट के आसपास बीडीए का टीटी नगर रीडेंसिफिकेशन प्लान। सरकार की मंजूरी के बाद अब बीडीए इसके टेंडर दस्तावेज तैयार कर रहा है, लेकिन बीडीए को सीधे केंद्र सरकार से इसके लिए रकम नहीं मिलेगी। इसी को देखते हुए निगम बीडीए से यह प्रोजेक्ट लेना चाहता है, ताकि प्रोजेक्ट को बनाने में ज्यादा वक्त न लगे। हालांकि अभी न्यू मार्केट का बाजार रीडेंसिफिकेशन स्कीम से बाहर है, इसलिए निगम इसे भी शामिल करेगा।

व्यापारियों से भी चर्चा करेंगे
 
महापौर आलोक शर्मा का कहना है कि पहले लोगों से सलाह लेंगे। यदि लोग और व्यापारी तैयार हैं तो ही इस प्रोजेक्ट पर आगे काम किया जाएगा। बीडीए वाले प्रोजेक्ट पर सरकार ने सहमति दी तो इसी को स्मार्ट सिटी में अपग्रेड कर दिया जाएगा। शर्मा ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने इस संबंध में सहमति दे दी है। सांसद आलोक संजर और अन्य विधायकों से इसी हफ्ते चर्चा करेंगे।
 
फिलहाल यह है बीडीए की स्कीम
 
टीटी नगर रीडेंसिफिकेशन प्रोजेक्ट में करीब 100 हेक्टेयर जमीन को फिर से विकसित किया जाएगा। पुराने 2463 सरकारी मकानों को तोड़कर नए 3478 फ्लैट बनाए जाएंगे। नए रोड, फ्लाईओवर, वाटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क आदि विकसित होंगे। हालांकि चार साल की देरी के कारण प्रोजेक्ट लागत 1350 करोड़ से बढ़कर 1700 करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान है, जबकि आय 1300 करोड़ संभावित है। बाकी रकम सरकार बीडीए को देगी।
 
इस प्रोजेक्ट में इसके लिए सरकार निजी डेवलपर को करीब 925 करोड़ रुपए 11 हेक्टेयर जमीन 40 फीसदी अतिरिक्त एफएआर के साथ देगी। बाकी 350 करोड़ रुपए राज्य सरकार कर्ज लेकर देगी। इस रकम से बीडीए सड़कें, फ्लाईओवर और कमला नेहरू स्कूल का नया भवन बनाने समेत कई काम करेगा। इसके बाद बची हुई सात हेक्टेयर खाली जमीन पर 800 सरकारी मकान और बनाए जाएंगे।
 
अब बीडीए प्रोजेक्ट के लिए जो टेंडर दस्तावेज बना रहा है, उसमें स्मार्ट सिटी के प्रावधान भी जोड़े जा रहे हैं। यानी यहां प्रौद्योगिकी के साथ बुनियादी सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। यहां एयर कंडीशनिंग की जगह एनर्जी एफिशिएंट डिस्टिंक्ट कूलिंग सिस्टम, ऑटोमैटिक वेस्ट कलेक्शन सिस्टम, आधुनिक सिक्युरिटी सिस्टम आदि का प्रावधान किया जाएगा।
 
ऐसा है भिंडी बाजार का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
दक्षिणी मुंबई का प्रसिद्ध मार्केट है भिंडी बाजार, जो ब्रिटिश काल में बिहाइंड द बाजार कहलाता था। यहां 16.5 एकड़ में करीब 20,000 की आबादी रहती है। बोहरा समाज की प्रसिद्ध  इमारत रौदत ताहेरा(raudat tahera) भी यहीं है। अब बोहरा समाज के ट्रस्ट ने इसे स्मार्ट सिटी में तब्दील करने के लिए सैफी बुरहानी अपलिफ्ट प्रोजेक्ट बनाया है। इसमें 3200 मकानों को अपग्रेड कर 50 से 100 मंजिला इमारतें बनाई जाएंगी। 1250 दुकानें मॉल में तब्दील होंगी।

इसलिए न्यू मार्केट बेहतर विकल्प
शहर के मध्य में होने के कारण यहां लोकेशन सबसे अच्छी है। निजी कंपनियां निवेश के लिए सबसे ज्यादा आकर्षित होंगी। यहां आसपास काफी खाली सरकारी जमीन हैै, इसलिए रीडेवलमेंट में दिक्कत नहीं आएगी। वहीं, न्यू मार्केट में निगम ने दुकानदारों को लीज पर दुकानें दी है। अब इनकी लीज खत्म हो गई है। ऐसे में निगम को यहां काम करने में कानूनी अड़चन भी नहीं आएगी। न्यू मार्केट को स्मार्ट सिटी में तब्दील करने के लिए बीडीए की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट नगर निगम के काम आएगी।


राज्य सरकार को देने ही होंगे अधिकार
संविधान में नगरीय निकायों को नगर सरकार के तौर पर देखा गया है, लेकिन इसके लिए जरूरी अधिकार नगर निगम को नहीं दिए गए हैं। अब अगले 12 महीने में सरकार को स्वास्थ्य, प्लानिंग, जमीन और जनकल्याणकारी योजनाओं आदि के अधिकार देने होंगे। टैक्स वसूली का दायरा बढ़ेगा। 14वें वित्त आयोग की पूरी राशि नगर निगम के खाते में ट्रांसफर करनी होगी।