इन्दौर में सिर्फ दो दिन में मृत्यु प्रमाण पत्र में सुधार के लिये पहुंचे 200 लोग
इन्दौर नगर निगम द्वारा कोरोना से शिकार बने लोगों की संख्या लगातार छिपाई जा रही है। खुलासा तब हुआ, जब अनलाॅक के बाद दो दिन में ही मृत्यु प्रमाण पत्र में सुधार का आवेदन लेकर लोगों की भीड पहुंचने लगी। घंटों लगी लाईन के बावजूद अधिकारी सिर्फ 25-30 लोगों का आवेदन आने की बात कहते रहे। एक प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र में इस संबंध में प्रकाशित समाचार में दिये गये तथ्यों पर आयोग द्वारा स्वयं संज्ञान लेकर प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है।
इस मामले में आयोग ने प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मंत्रालय, प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मंत्रालय, आयुक्त/संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, भोपाल, कमिश्नर, इंदौर, संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं, इंदौर तथा आयुक्त, नगर निगम, इंदौर से दो सप्ताह में निम्न बिन्दुओं पर प्रतिवेदन मांगा है:-
(1) कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति की, इसके परिणाम स्वरूप हुई, मृत्यु के संबंध में किस प्रकार से चिकित्सकीय अभिलेख संधारित किया जाता है ?
(2) क्या कोविड-19 के संक्रमण के परिणाम स्वरूप हुई मृत्यु के संबंध में ऐसे मृत व्यक्ति के चिकित्सा अभिलेख में अंततः उसकी मृत्यु इसके परिणामस्वरूप होने का उल्लेख संबंधित चिकित्सकों द्वारा किया जाता है ?
(3) क्या कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत उसका शव परीक्षण कराते हुए उसकी मृत्यु के कारण को स्पष्ट कराया जाता है अथवा कोविड-19 संक्रमण से हुई मृत्यु के कारण शव परीक्षण कराये बिना इसी आधार पर उसकी मृत्यु को मान्य किया जाता है ?
(4) नगर निगम इंदौर से जारी किये जाने वाले मृत्यु प्रमाण पत्रों में व्यक्ति की मृत्यु का कारण कोविड-19 के संक्रमण के परिणाम स्वरूप होने का उल्लेख न किया जाना बताया गया है, तो ऐसी स्थिति में कोविड-19 के संक्रमण से हुई मृत्यु से संबंधित व्यक्ति के उत्तराधिकारियों को इस कारण केन्द्र अथवा मध्यप्रदेश शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पात्रता अनुसार लाभ किस प्रकार से प्राप्त हो सकेगें ?
(5) क्या ऐसे मृतक के उत्तराधिकारियों को नगर निगम इंदौर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र के बाद मृत्यु के कारण के संबंध अलग से स्वास्थ्य विभाग से कोई प्रमाण पत्र प्राप्त कर प्रस्तुत करना आवश्यक है ?
(6) कोविड-19 संक्रमण के परिणाम स्वरूप होने वाली मृत्यु के उपरांत इन्दौर शहर में प्रकट हुई उपरोक्त समस्याओं के कारण मृतक के परिजन/उत्तराधिकारियों को हो रही असुविधा के उचित समाधान के लिए क्या व्यवस्था सुनिश्चित की गई है ?
(7) इसी प्रकार की परिस्थितियाँ इंदौर शहर के अलावा मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में भी उत्पन्न होना स्वाभाविक है और इस पर समग्र रूप से प्रदेश स्तर पर स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा ही स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाना आवश्यक है, जिससे पूरे मध्यप्रदेश में इस संबंध में समान प्रक्रिया का पालन हो सके और सभी संबंधित हितग्राहियों को हो रही असुविधा का समाधान सुनिश्चित करते हुए उनके तत्संबंधी मौलिक/मानव अधिकारों का उचित संरक्षण किया जा सके।