
गुजरात सरकार ने स्पेस टेक पॉलिसी 2025-30 घोषित की है। स्पेस टेक पॉलिसी जारी करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बन गया है। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में देश का हब बन रहा गुजरात अब स्पेस तकनीक के क्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन करने को प्रयासरत है।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार रात घोषित की इस पॉलिसी में कहा है कि इंडियन स्पेस प्रमोशन एवं ऑथराइजेशन सेंटर (इनस्पेस), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस के साथ मिलकर गुजरात में स्पेस क्षेत्र में उद्योगों को विकसित करने को सहायता देंगे। मौजूदा समय में रक्षा, नेविगेशन, स्वास्थ्य सेवा, इंटरनेट, डेटा ट्रांसफर, मौसम और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में स्पेस तकनीक महत्वपूर्ण बना है।
स्पेस टेक पॉलिसी के तहत सेटेलाइट पेलोड्स और उसके भागों के उत्पादन से लेकर सूचना के आदान प्रदान और प्रोपल्शन सिस्टम, ग्राउंड स्टेशन, सेटेलाइट नियंत्रण केन्द्र और अंतरिक्ष आधारित एप्लीकेशन डिजाइन जैसे क्षेत्र में विकास के लिए राज्य सरकार आर्थिक और गैर आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन स्पेस टेक बनेगा
गुजरात सरकार स्पेस तकनीक के क्षेत्र में कौशल विकास करने, शोध और इनोवेशन को प्रोत्साहन देने के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी में सेंटर फॉर एक्सीलेंस स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है।
स्पेस टेक नीति की खूबी
-इसके तहत स्पेस टेक मैन्युफेक्चरिंग को गुजरात इलेक्ट्रोनिक्स नीति (2022-28) के तहत सहायता मिलेगी। लॉन्च का खर्च और पेटेंट फाइल के लिए अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिलेगी। -ग्राउंड सेगमेंट, स्पेस एप्लीकेशन और डिजाइन क्षेत्र में शामिल उद्यमों को गुजरात आईटी, आईटीईएस नीति (2022-27) के तहत मिलने वाले प्रोत्साहन का भी लाभ मिलेगा।-स्पेस टेक स्टार्टअप को गुजरात आईटी, आईटीईएस नीति (2022-27) के तहत आईसीटी और डीप टेक स्टार्टअप प्रोग्राम की ओर से सहायता दी जाएगी। इस नीति में अन्य नीतियों से तालमेल बिठाया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लाभ दिया जा सके।