नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आज कृषि को उद्योग का दर्जा दिए जाने संबंधी सवाल का कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया, लेकिन कहा कि कृषि सेक्टर को उद्योगों से अधिक महत्व दिया जाएगा।

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने सदस्यों के सवालों के जवाब में यह बात कही। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जहां तक कृषि क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिए जाने का सवाल है, अभी तक केवल खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को ही उद्योग का दर्जा दिया गया है। उन्होंने बैंकों पर किसानों को अधिक दीर्घावधि ऋण प्रदान किए जाने के लिए दबाव बनाने का आश्वासन देते हुए कहा, कृषि को उद्योगों से अधिक महत्व देने की सरकार की सोच है।

राधा मोहन सिंह ने सदस्यों की इन चिंताओं से सहमति जतायी कि राष्ट्रीय बैंक और निजी क्षेत्र के बैंक किसानों को ऋण देने में आनाकानी करते हैं। शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, भाजपा के निशिकांत दुबे और अनंत कुमार हेगड़े ने अपने सवालों के जरिए किसानों की समस्याओं , कषि उपज की लागत अधिक होने और सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किए जाने संबंधी मुद्दों को उठाया।
   
इनके जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि अभी केवल 25 फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित किया जाता है। उन्होंने नकदी फसलों सहित सभी फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित किए जाने की सदस्यों की मांग का कोई सीधा जवाब नहीं देते हुए केवल इतना कहा कि सरकार की अभी यह कोशिश है जिन फसलों का एमएसपी निर्धारित है उनकी पूरी तरह खरीद सुनिश्चित की जाए।