
जयपुर। संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव ने संभाग के सभी जिलों जयपुर, सीकर, अलवर, झुंझुनू एवं दौसा के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कोविड संक्रमण की वर्तमान स्थिति, ‘‘डोर टू डोर सर्वे’’, सैम्पलिंग की संख्या एवं इसके प्रबन्धन के लिए किए जा रहे विशेष प्रयासों की वीडियो कांफे्रंसिग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि संक्रमण की संख्या में कमी जरूर आ रही है लेकिन कोरोना के प्रसार को रोकने के प्रयासों में कमी नहीं आनी चाहिए।
संभागीय आयुक्त ने सभी जिला कलेक्टरों को विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में सैम्पलिंग बढाने के निर्देश दिए। उन्होंने एएनएम, बीएलओ आदि के माध्यम से आईएलआई मरीजों का पता लगाने के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में घर-घर किए जा रहे सर्वे को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए ‘‘अर्ली डिटेक्शन-अर्ली ट्रीटमेंट’’ जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक भी घर इस सर्वे में छूटे नहीं, आईएलआई रोगी या कोराना संक्रमण का संदेह होते ही मेडिकल किट के जरिए प्राथमिक उपचार प्रारम्भ करने एवं उसे कोविड कन्सल्टेशन सेंटर जाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरो से सर्वे के बारे मेें जानकारी ली। यादव ने निर्देश दिए कि संभावित सुपर स्प्रेडर्स गु्रप, राशन एवं सब्जी दुकान, सर्वे संचालित कर रहे कार्मिकों का भी नियमित रूप से सैम्पल लिया जाए। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की आशंकी को देखते हुए ऑक्सीजन, बैड, जीवन रक्षक उपकरणों, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता के साथ सभी आवश्यक तैयारियां पूरी रखी जाएं। संभागीय आयुक्त ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में कमी के कारण निर्धन वर्ग के लिए समय कठिन हो सकता है।