भारत से तनाव के मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाना पाकिस्तान को भारी पड़ गया. एक तरफ जहां यूएनएससी के सदस्यों ने आतंकवाद और परमाणु हमले की चेतावनी को लेकर फटकार लगाई. वहीं दूसरी तरफ भारत के संभावित हमले के खिलाफ किसी भी तरह के बयान जारी करने से इनकार कर दिया.
इतना ही नहीं, बैठक के लिए पाकिस्तान को यूएनएससी का चैंबर भी नहीं दिया गया. वो भी तब, जब पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य है. इस बैठक का आयोजन एक गेस्ट हॉल में किया गया.
पाकिस्तान ने क्यों बुलाई थी बैठक?
पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत के एक्शन से घबराए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद बुलाने की मांग की थी. पाकिस्तान का कहना है कि भारत उस पर कभी भी हमला कर देगा, इसलिए दुनियाभर के देश उसे रोके. ताकि तनाव और ज्यादा न बढ़ पाए.
पाकिस्तान की कोशिश इस बैठक में भारत के खिलाफ प्रस्ताव पास कराना था, जिससे उसे कूटनीतिक जीत मिल सके. हालांकि, यूएनएससी के सदस्यों ने उलटे पूरे मामले में पाकिस्तान को ही घेर लिया.
बैठक में बैकफुट पर पाकिस्तान
सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में शामिल सदस्यों ने पाकिस्तान से 3 सवाल पूछे. इन सवालों का पाकिस्तान सीधा जवाब नहीं दे पाया, जिसके बाद बैठक को खत्म करने का आह्वान किया गया. बैठक में मौजूद देशों का कहना था कि पाकिस्तान खुद इस मसले को सुलझा सकता है.
1. बैठक में मौजूद सदस्यों ने पूछा का आखिर आतंकवादी धर्म पूछकर लोगों की हत्या क्यों कर रहे थे?
2. क्या पहलगाम टेरर अटैक में लश्कर ए तैयबा का कोई रोल है और अगर है तो उस पर क्या एक्शन हुआ?
3. पाकिस्तान के जिम्मेदार बार-बार परमाणु हमले की बात क्यों कर रहा है? इससे तनाव और ज्यादा बढ़ रहा है?
फटकार के बाद भी खुश है पाकिस्तान
यूएनएससी में बेइज्जती होने के बावजूद पाकिस्तान इस बैठक को लेकर खुश है. पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने दावा किया कि उनके उद्देश्य काफी हद तक पूरे हुए हैं.पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि, असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा, “हम टकराव नहीं चाहते, लेकिन अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए तैयार हैं.” उन्होंने भारत द्वारा सिंधु जल संधि निलंबित करने के मुद्दे को भी उठाया और कहा, “पानी जीवन है, हथियार नहीं