
भोपाल : प्रदेश में 30 मार्च से शुरू किया गया 'जल गंगा संवर्धन अभियान' नागरिकों की भागीदारी से सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। यह अभियान समाज के प्रत्येक तबके को महत्वपूर्ण उद्देश्य से जोड़ने में सफल रहा है। प्रत्येक जिले में जल स्रोतों की पहचान की गई है और उनके संरक्षण की दिशा में ठोस कार्य किया जा रहा है। अभियान में प्राचीन बावड़ी के इतिहास की जानकारी नागरिकों को देते हुए इसके सफाई अभियान से नागरिकों को जोड़ा गया है। यह अभियान 30 जून तक चलेगा। अभियान में जल संरचनाओं को राजस्व रिकार्ड में भी जागरूकता के साथ दर्ज किया जा रहा है।
अमृत सरोवर को राजस्व रिकार्ड में किया गया दर्ज
उमरिया जिले में अम़ृत सरोवर को राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया जा रहा है। जिले में एक मई तक 30 अमृत सरोवरों में से 20 अमृत सरोवरों को राजस्व़ रिकार्ड में दर्ज किया जा चुका है। राजस्व अभिलेख में अन्य जल संरचनाएं नहर, तालाब, चेक डेम, स्टॉप डेम इत्यादि को भी अभिलेख मे दर्ज किया गया है। इनकी संख्या 173 है। जिले में नदी, तालाबों, घाटों, कुओं के आस पास श्रमदान करके साफ-सफाई की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ जल स्रोतों के आस-पास हुए अतिक्रमण को हटाने की भी कार्रवाई की जा रही है। तहसीलदार मानपुर ने बताया कि चितौहा, नाला डोडका, ताजिया नाला, मझखेता ग्राम पंचायत के अंतर्गत 0.185 हैक्टेयर में हुए अतिक्रमण को हटाने की भी कार्रवाई की गई।
ग्राम पंचायत नरवार व मझौली में किए गए नवीन खेत तालाब के कार्य
शहडोल जिले में जल स्रोतों के संरक्षण के काम को आंदोलन का रूप दिया गया है। जनमानस में यह संदेश दिया गया है कि "जल को बचाएं, जीवन को बचाएं", "जब तक जल सुरक्षित है तब तक कल सुरक्षित है।" जिले की समस्त जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों में "जल गंगा संवर्धन अभियान" में लोग उत्साह एवं उमंग के साथ जल का महत्व समझते हुए श्रमदान कर रहे हैं। नरवार, मझौली ग्राम पंचायत में नवीन खेत तालाब के कार्य किए गए हैं। जनपद पंचायत जयसिंहनगर की ग्राम पंचायत कोठीगढ़ में नदी नालों के साफ सफाई कार्य में श्रमदान किया गया।
जिले के सभी नागरिक कम से कम एक घण्टे श्रमदान अवश्य करें
देवास जिले में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने हाटपीपल्या विधानसभा क्षेत्र के ग्राम टिगरिया गोगा में जल गंगा संवर्धन अभियान में 4 करोड़ 93 लाख रूपये की लागत से बनने वाले बैराज का भूमि-पूजन किया। उन्होंने ग्राम टिगरिया गोगा में क्षिप्रा में मिलने वाले नाले की सफाई और गहरीकरण कार्य में श्रमदान किया। उन्होंने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान में जिले के सभी नागरिक कम से कम एक घण्टे श्रमदान अवश्य करें।
मंत्री सिलावट ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा विकसित भारत के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले 5 सालों में प्रदेश में 100 लाख हैक्टेयर में सिंचाई करने का कार्यक्रम तैयार किया गया है।
हाटपीपल्या विधायक मनोज चौधरी ने बताया कि 6 हजार करोड़ रूपये की हाटपीपल्या माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना से विधानसभा के किसानों को लाभ मिलेगा। हाटपीपल्या विधानसभा क्षेत्र में क्षिप्रा नदी पर 26 करोड़ 90 लाख रुपए की लागत से टिगरिया गोगा सहित सात नये बड़े बैराज बनाए जायेंगे। जिसमें गजनोदखेड़ा बैराज, पटाडा बैराज, दखनाखेडी बैराज, रणायर बैराज, सिरोंज बैराज एवं बरोड़ पिपलिया बैराज भी बनाये जायेंगे। इससे नदी में पानी का प्रवाह बना रहेगा एवं 1974 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।
सामूहिक रूप से डेम का किया गया गहरीकरण
बुरहानपुर जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान जन भागीदारी के साथ उत्साहपूर्वक चलाया जा रहा है। जिले में स्थित प्रत्येक जल स्त्रोतों को चिन्हित कर उनके संरक्षण व साफ-सफाई का कार्य किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में कलेक्टर हर्ष सिंह के निर्देशानुसार नवीन आरटीओ ऑफिस के पास बिरोदा रोड पर स्थित तालाब एवं चेक डेम के पास जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत श्रमदान किया गया। स्टॉप डेम पर श्रृंखला बना कर श्रमदान किया गया। डेम के गहरीकरण का कार्य भी किया जा रहा है। सामूहिक रूप से श्रमदान में बड़े-छोटे पत्थरों को भी तालाब से उठा कर किनारे किया गया। वही एकत्रित किए गए कचरे को ट्रैक्टर ट्रॉली के माध्यम से उचित जगह निपटान किया गया। तालाब में पानी भराव से पशुओं और जलीय जीवो को भी लाभ मिलेगा।
प्राचीन बावड़ी में की गई साफ-सफाई
विदिशा जिले में ग्यारसपुर बाजरा मठ के समीप स्थित प्राचीन हराऊ बावड़ी में सफाई कर श्रमदान किया गया। इसके साथ ही ग्रामीणों के बीच जल चौपाल भी लगाई गई। ग्रामीणों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई।
श्रमदान के लिए ग्रामीण आ रहे हैं आगे
इंदौर जिले में जल स्रोतों की सफाई का कार्य प्रभावी रूप से किया जा रहा है। जिले में तालाबों, कुँओं, बावड़ियों के गहरीकरण, जीर्णोद्धार के कार्य किये जा रहे हैं। ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। गाँव-गाँव में जनजागरूकता के कार्यक्रम भी हो रहे हैं। गाँवों में जल यात्रा निकाली जा रही है। ग्रामीणों से चर्चा के लिए जल संवाद कार्यक्रम भी हो रहे हैं। महू विकासखंड में भी रात्रि में आदर्श ग्राम में बैठक ली गई। ग्रामीणों को जल का महत्व बताया गया। जल को संरक्षित करने के लिए प्रेरित किया गया।
चांवरपाठा में आयोजित हुई जल संगोष्ठी
नरसिंहपुर जिले में विकासखंड चांवरपाठा में जल संरक्षण व संवर्धन विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी में बताया गया कि जिले में जल संरक्षण व संवर्धन की दिशा में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। बरसात के पूर्व जल संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इसमें कंटूर ट्रेंच, खेत-तालाब, खंती निर्माण और पुरानी जल संरचनाओं की साफ-सफाई व जीर्णोद्धार के कार्य किये जा रहे हैं। इसके अलावा नागरिकों को अभियान से जोड़ने व जल संचयन के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। यह अभियान सिर्फ शासकीय अभियान नहीं हैं, यह आने वाली पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण अभियान है। आने वाली पीढ़ी के लिए आज से ही हम सभी को जल की एक- एक बूंद को सहेजने का कार्य करना चाहिये।
गायत्री परिवार की टीम ने किया पेंच नदी में श्रमदान
छिन्दवाड़ा जिले में जल गंगा संर्वधन अभियान में नगर परिषद न्यूटन चिखली में जनप्रतिनिधियों एवं गायत्री परिवार की टीम ने मिलकर श्रमदान किया। ट्रैक्टर की मदद से नदी से गाद निकाली गई। वहीं खरपतवार हटाकर तटवर्ती क्षेत्र को स्वच्छ बनाया गया। अभियान का उद्देश्य नदियों के संरक्षण, स्वच्छता और जन जागरूकता को बढ़ावा देना रहा है।