
भोपाल: मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना को शुरू हुए 2 साल पूरे हो गए हैं. अब मई महीने में लाड़ली बहनों को फिर 1250 रुपये मिलने वाले हैं. लाड़ली बहना योजना के तहत दी जाने वाली यह 24वीं किश्त होगी. इससे पहले बीते 16 अप्रैल 2025 को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में 1552 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की थी. बता दें कि अब तक लाड़ली बहनों के खातों में 1250 रुपये की राशि हर महीने 10 तारीख से पहले आती थी, लेकिन अब इसकी समय सीमा में भी बदलाव किया गया है.
अब 10 तारीख के बाद आएगी किश्त
बता दें कि अप्रैल महीने में 16 अप्रैल को लाड़ली बहना की राशि जारी की गई थी. ऐसा पहली बार था, जबकि योजना शुरू होने के बाद बीते 23 महीनों में 10 तारीख के बाद इस राशि का भुगतान किया गया. ऐसे में महिलाओं को डर था, कि ये योजना बंद तो नहीं हो रही. मीडिया ने भी सरकार से लाड़ली बहना की राशि हस्तांतरण में देरी का कारण पूछा था. इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया था, कि "यह योजना बंद नहीं होगी. हालांकि विजयवर्गीय ने बताया था कि योजना के तहत दी जाने वाली राशि अब 10 की बजाय हर महीने 10 से 16 के बीच में दी जाएगी."
इसलिए बदली जा रही लाड़ली बहना की तिथि
वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय करों की जो भी राशि मध्य प्रदेश को मिलती है, वह हर महीने की 10 तारीख के बाद मिलती है. दरअसल हर महीने केंद्रीय करों के रुप में मध्य प्रदेश को 7 हजार करोड़ रुपये मिलते हैं. उसी दिन लाड़ली बहनों को 1250 रुपये की राशि ट्रासंफर की जाती है, जिससे कैश लिक्विडिटी (वित्तीय चीजों को वक्त पर पूरा करने के लिए पर्याप्त नकदी न होना) की समस्या होती है. इसे निरंतर बनाए रखने के लिए सरकार लाड़ली बहना योजना की तिथि में बदलाव करने जा रही है. वित्त विभाग ने इसको लेकर सीएम सचिवालय से अनुरोध किया था, जिसकी स्वीकृत मिल गई है.
इन राज्यों में लाड़ली बहनों को मिल रहे ज्यादा
भले ही देश में लाड़ली बहना योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश से की गई हो, लेकिन अब इसको 8 से अधिक राज्यों में शुरू किया गया है. जिन राज्यों में ये स्कीम शुरु हुई, वहां लाड़ली बहनों को मध्य प्रदेश से अधिक राशि मिल रही है. महाराष्ट्र में महिलाओं को 1500 रुपये हर महीने मिल रहे हैं, जबकि हरियाणा में 2100 रुपये मिल रहे हैं. इसी प्रकार कर्नाटक, तेलंगाना और झारखंड में भी लाड़ली बहनों को मध्य प्रदेश से अधिक राशि मिल रही है.