
भारत की दूसरी सबसे बड़ी IT सर्विस प्रोवाइडर फर्म इन्फोसिस (Infosys) ने आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल असेसमेंट) में विफल रहने वाले 195 और प्रशिक्षुओं को निकाल दिया। कंपनी की ओर से भेजे गए ईमेल में यह जानकारी सामने आई है।
प्रशिक्षुओं को निकालने का यह तीसरा दौर है, जिसमें कंपनी ने उन्हें निकाला है। पहला दौर फरवरी में हुआ था जब कंपनी ने इसी आधार पर 320 प्रशिक्षुओं को निकाल दिया था। दूसरा दौर इस महीने की शुरुआत में हुआ था, जिसमें 240 प्रशिक्षुओं को निकाला गया था।
इन्फोसिस ने चलाया ट्रेनिंग कोर्स
प्रशिक्षुओं को निकालने के दूसरे दौर के दौरान इन्फोसिस ने NIIT और UpGrad के साथ ट्रेनिंग कोर्सेस पेश किए, जिसका भुगतान कंपनी की ओर से किया जा रहा था। अब तक 250 ने UpGrad और NIIT से ट्रेनिंग हासिल किया है। और लगभग 150 ने आउटप्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इस दौर से बाहर निकलने का कारण भी वही है, जहां प्रशिक्षु अपने असेसमेंट को पास करने में असमर्थ थे।
कंपनी ने ईमेल में कहा, “आपके फाइनल असेसमेंट अटैम्प्ट के नतीजों के मूल्यांकन के बाद आपको सूचित किया जाता है कि आपने तैयारी के समय, डाउट क्लियरिंग सेशन, कई मॉक आकलन और तीन प्रयासों के बावजूद ‘जेनेरिक फाउंडेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम’ में अर्हता हासिल करने के मानदंडों को पूरा नहीं किया है।”
कंपनी BPM इंडस्ट्री में संभावित रोल के लिए एक महीने का वेतन, आउटप्लेसमेंट सर्विसेज, 12 सप्ताह का ट्रेनिंग प्रोग्राम या IT करियर रूट के लिए आईटी बेसिक सिद्धांतों पर 24 सप्ताह का ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑफर कर रही है।
FY2025 में कुल 15,000 ट्रेनीज की नियुक्ति
इन्फोसिस ने FY2025 में कुल 15,000 प्रशिक्षुओं को काम पर रखा। प्रभावित प्रशिक्षुओं को 2022 में काम पर रखा गया था, और अक्टूबर 2024 में उन्हें शामिल किया गया था।
इन्फोसिस की छंटनी ऐसे समय में हुई है जब कंपनी और उद्योग एक अनिश्चित मैक्रो माहौल से गुजर रहे हैं। कंपनी ने FY26 के लिए 0-3 फीसदी के दायरे में रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान लगाया है। कंपनी ने यह भी कहा कि वह FY26 के लिए लगभग 20,000 फ्रेशर्स को काम पर रखेगी।