
भोपाल: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पदों पर भर्ती के लिए वर्ष 2024 में जारी विज्ञापन को निरस्त कर दिया है। आयोग ने यह निर्णय खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, मध्य प्रदेश से प्राप्त पत्र और भारत सरकार द्वारा शैक्षणिक योग्यता में किए गए संशोधन के आधार पर लिया है। शैक्षणिक योग्यता में परिवर्तन के कारण जारी विज्ञापन अब अमान्य हो गया है, जिसके कारण पूरी भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी गई है। नीमा छात्र संघ ने नए विज्ञापन पद में आयुष विभाग को भी शामिल करने की मांग की है।
भुगतान राशि वापस की जाएगी
आयोग ने उन अभ्यर्थियों को राहत दी है, जिन्होंने इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था और शुल्क जमा किया था, उनके लिए शुल्क वापसी की व्यवस्था की गई है। अभ्यर्थी 15 मई 2025 से 30 मई 2025 के बीच आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से शुल्क वापसी के लिए आवेदन कर सकेंगे। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि संशोधित योग्यता के अनुसार भविष्य में इस पद के लिए नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसकी सूचना जल्द ही जारी की जाएगी। अभ्यर्थियों को सलाह दी गई है कि वे ताजा अपडेट के लिए आयोग की वेबसाइट पर नजर रखें।
17 साल बाद निकाली गई थी भर्ती
जानकारी के लिए बता दें कि लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 17 साल बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी (राजपत्रित तृतीय श्रेणी) के लिए भर्ती निकाली थी। जिसे निरस्त करने की औपचारिक सूचना जारी कर दी गई है। वहीं विभाग कह रहा है कि जल्द ही नई योग्यताएं तय कर आयोग को भेज दी जाएंगी। इसके बाद भर्ती के लिए नया नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इसमें करीब दो महीने का समय लग सकता है।
इसलिए निरस्त किया गया विज्ञापन
आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय के 25 अप्रैल के पत्र में उल्लेख किया गया है कि भारत सरकार द्वारा 28 मार्च को अधिसूचना जारी कर इस पद की शैक्षणिक योग्यता में संशोधन किया गया है, जिसके कारण इस भर्ती विज्ञापन को निरस्त करने का अनुरोध किया गया है। इसलिए इस विज्ञापन को निरस्त किया जाता है।
नीमा छात्र संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
नीमा छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि उन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया है तथा अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार के निर्णय के अनुपालन में आयुष विभाग को भी नए विज्ञापन पदों में शामिल किया जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो आयुष छात्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी लोक सेवा आयुक्त की होगी।