भोपाल । प्रदेश के ‎किसानों को खाद की समस्या ना हो इसके ‎लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह से सतर्क है। ‎‎पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में खाद की कमी होने के आरोप केंद्र सरकार पर लगाए गए थे, ऐसे में राज्य सरकार अभी से खाद को लेकर सतर्क है। प्रदेश में डीएपी, यूरिया सहित अन्य खाद की मांग, बिक्री और भंडारण की स्थिति पर सरकार की नजर रहेगी। प्रत्येक सहकारी समिति को न सिर्फ भंडारण की स्थिति प्रतिदिन बतानी होगी बल्कि बिक्री का हिसाब-किताब भी देना होगा। इसके आधार पर जहां जरूरत होगी, वहां सरकार अपनी कार्ययोजना में सुधार करती जाएगी। इसके लिए कृषि और सहकारिता विभाग ने राज्य सहकारी विपणन संघ और अपेक्स बैंक के स्तर से मांग और आपूर्ति की निगरानी करने की व्यवस्था बनाई है। वहीं, खरीफ फसलों की तैयारी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 24 मई को समीक्षा करेंगे। 27 मई से कृषि उत्पादन आयुक्त की संभागीय बैठकों का सिलसिला शुरू होगा। प्रदेश में सीजन के समय खाद की कमी न आए, इसको लेकर सरकार पिछले दो साल से व्यवस्था बनाने में जुटी है।इस बार किसान खाद की अग्रिम बुकिंग भी करा सकते हैं। सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खाद की फिलहाल कोई कमी नहीं है। खाद कंपनियों को डीएपी सहित अन्य खादों की आपूर्ति के लिए क्रय आदेश दे दिए हैं। 27 मई से कृषि उत्पादन आयुक्त की खरीफ फसलों को लेकर संभागीय बैठकों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इसमें फसल के क्षेत्र के हिसाब से खाद की जरूरत का निर्धारण भी हो जाएगा। इसके हिसाब से खरीफ फसलों के लिए जितनी खाद की जरूरत होगी, उसकी मांग केंद्र सरकार से की जाएगी। बता दें ‎कि  कमल नाथ सरकार के समय मांग की तुलना में खाद केंद्र सरकार से कम मिलने के आरोप लगाए गए थे। पिछले साल खाद की वितरण व्यवस्था को लेकर सवाल उठे थे। तब कृषि और सहकारिता विभाग ने मिलकर समिति स्तर पर मांग, आपूर्ति और भंडारण की निगरानी को लेकर व्यवस्था बनाई। इसके तहत समिति स्तर पर प्रतिदिन विक्रय की मात्रा, भंडारण की स्थिति और आगामी मांग को लेकर ऑनलाइन व्यवस्था बनाई है। इसके साथ ही किसानों को अग्रिम भंडारण की सुविधा भी दी गई है ताकि जरूरत के समय मारामारी से बचा जा सके।