भोपाल मध्य प्रदेश में 18 से 45 साल तक के लोगों को कोराेना वैक्सीन कब से लगेगी? इसे लेकर आज शाम तक सरकार फैसला ले सकती है। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शाम को हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। इसमें तय होगा कि प्रदेश में वैक्सीनेशन पार्ट-3 का रोडमैप क्या होगा? इस पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का बयान आया है। उन्होंने कहा कि मैन पावर, रिसोर्स तैयार हैं। वैक्सीन के डोज मिलते ही वैक्सीनेशन शुरू करेंगे।
वैक्सीन के डोज उपलब्ध नहीं होने के कारण सरकार ने प्रदेश में 1 मई से वैक्सीनेशन टाल दिया था, जबकि वैक्सीनेशन पार्ट-3 के पहले दिन टीका लगवाने के लिए प्रदेश में 77 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। वैक्सीन की उपलब्धता न होने से वैक्सीनेशन ड्राइव नहीं शुरू हुआ है।
सरकार ने कोविशील्ड के 45 लाख और कोवैक्सिन के 10 लाख डोज के ऑर्डर दिए हैं, लेकिन अभी डिलीवरी नहीं हुई है। हालांकि शुक्रवार रात हैदराबाद से प्रदेश में डेढ़ लाख कोवैक्सिन के डोज पहुंची हैं। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार वैक्सीनेशन शुरू कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार सरकार 'पहले आओ और पहले पाओ' की तर्ज पर वैक्सीनेशन शुरू कर सकती है। प्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए कोविन पोर्टल और आरोग्य सेतु पर 28 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। एक मई के लिए पूर्व प्रदेश में 77 हजार स्लॉट बुक थे।
वहीं, वैक्सीन की उपलब्धता नहीं होने से ये स्लॉट अब वैलिड नहीं हैं। वैक्सीनेशन के लिए जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है, वह फिर से रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते हैं। वैक्सीन की उपलब्धता के बाद उन्हें फिर से स्लॉट मिल जाएगा। ये लोग सिर्फ उपलब्ध सेंटर चुन सकते हैं। डेट और टाइम सलेक्टर कर पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर टीका लगवा सकते हैं।
एप पर रजिस्ट्रेशन जारी है, लेकिन गुरुवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वैक्सीन की उपलब्धता नहीं होने से वैक्सीनेशन नहीं शुरू होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि कंपनी की तरफ से वैक्सीन नहीं मिली है। हालांकि सरकार को उम्मीद है कि मध्य प्रदेश को 3 मई तक ढाई लाख वैक्सीन की पहली खेप मिल जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो 5 मई से वैक्सीनेशन की नई ड्राइव शुरू हो जाएगी।