भोपाल। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। भोपाल की सभी सातों सीटों पर भाजपा-कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। लेकिन तीन सीटों पर कांग्रेस के बागियों ने आसमान सिर पर उठा लिया है। कांग्रेस के बागियों ने भोपाल की उत्तर, हुजूर और बैरसिया सीट पर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है।
कांग्रेेस भोपाल में यदि कहीं सबसे ज्यादा परेशान है, तो उत्तर विधानसभा सीट को लेकर सबसे ज्यादा परेशान है। कांग्रेस ने इस सीट पर तमाम विरोधों के बाद मौजूदा विधायक आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर कांग्रेस के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी नासिर इस्लाम ने तो निर्दलीय लडऩे का ऐलान कर ही दिया है। इसके अलावा आरिफ के भाई आमिर अकील ने भी विरोध का झंडा उठा रखा है। उत्तर विधानसभा सीट पर आरिफ अकील और कांग्रेस छह दशक से काबिज हंै। उत्तर विधानसभा को कांग्रेस का अभेद्य गढ़ माना जाता है। इसी सीट पर भाजपा ने पूर्व महापौर आलोक शर्मा को मैदान में उतारा है।
हुजूर में डागा बने कांग्रेस की मुसीबत
कांग्रेस ने भोपाल की हुजूर सीट पर नरेश ज्ञानचंदानी को टिकट दिया है। पार्टी ने नरेश ज्ञानचंदानी को हुजूर सीट पर आने वाले बैरागढ़ के 50 हजार सिंधियों को साधने के लिए उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर टिकट न मिलने से पूर्व विधायक जितेंद्र डागा ने निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। डागा ने तो जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि जनता चाहती हैं कि मैं चुनाव लडूं, इसलिए मैं चुनाव लड़ूंगा। इस सीट पर भाजपा ने मौजूदा विधायक रामेश्वर शर्मा को उम्मीदवार बनाया है।
बैरसिया में बागी राम मेहर ने कांग्रेेस की टेंशन बढ़ाई
कांग्रेस ने बैरसिया विधानसभा सीट पर जयश्री हरिकरण को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन जिस दिन से कांग्रेस ने जयश्री हरिकरण उम्मीदवार घोषित किया है, उसी दिन से उनका विरोध शुरू हो गया है। टिकट की दावेदारी कर रहे राम मेहर निर्दलीय मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। इस सीट पर भाजपा ने मौजूदा विधायक विष्णु खत्री को मैदान में उतारा है।