जबलपुर. जबलपुर में शनिवार को ज्यूडिशियल एकेडमी डायरेक्टर्स रिट्रीट कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, CJI शरद अरविंद बोबडे, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई मंत्री, विधायक और अधिकारी शामिल हुए.इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा - देश की अदालतों में लंबित मामलों को निपटाने के लिए प्रशिक्षण का दायर बढ़ाया जाए. निर्णय की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भी चर्चा की जा सकती है. जल्द न्याय के लिए किताबी ज्ञान के साथ व्याहारिक ज्ञान भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि न्याय में युक्ति विवेक का भी सहारा लिया जाना चाहिए. न्यायायिक एकेडमी में भविष्य के न्यायाधीश बनाए जाते हैं. इसलिए सभी परिस्थितियों से निपटने की जरूरत होती है. न्यायाधीश को किसी व्यक्ति, संस्था के विचार से मुक्त होना चाहिए.
सभी हाईकोर्ट अपनी स्थानीय भाषाओं में फैसले जारी करें- राष्ट्रपति
उन्होंने कहा कि भाषाई सीमाओं के कारण लोगों को संघर्ष करना पड़ता है. मैं खुश हूं कि मेरे निवेदन पर 9 भाषाओं में फैसले सुनाए जाते हैं. मेरे निवेदन है कि सभी हाईकोर्ट अपनी स्थानीय भाषाओं में फैसले जारी करें. नर्मदा नदी के पावन स्थल पर आकर मुझे खुशी हो रही है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर को विशेष पहचान दी है. मैं इस अखिल भारतीय सम्मेलन का उद्धघाटन करते हुए खुश हूं. कोविड काल में भी मध्यप्रदेश न्यायायिक एकेडमी ने ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया है. मुझे खुशी है कि न्याय व्यवस्था में आधुनिकता का चलन बढ़ा है. ई-अदालत, ई-फाइलिंग, वीसी से काम आसान हो गया है.
न्याय क्षेत्र का विस्तार हर स्तर पर जरूरी है- CJI
कार्यक्र में CJI शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि संवाद नए आयाम स्थापित करता है. न्याय एक अनोखी प्रक्रिया है. हमारे लिए सामाजिक परिवेश, आर्थिक स्थिति, राजनैतिक स्थिति समझना जरूरी है. हमें समय के साथ विकसित हो रही न्याय व्ययस्था को भी समझना जरूरी है. आज की ये रिट्रीट बेहतर संवाद स्थापित करेगी. सीजेआई ने पूर्व राष्ट्रपति स्व. एपीजे अब्दुल कलाम को भी याद किया. सीजेआई बोबडे ने सवाल किया- एक न्यायाधीश बनने के लिए क्या आवश्यक है ? क्या सिर्फ विधि का ज्ञाता अच्छा न्यायाधीश बन सकता है ? न्याय क्षेत्र का विस्तार हर स्तर पर जरूरी है. आज हम सिविल परिवाद से जनहित याचिका तक पहुंच गए हैं. कुछ प्रदेशो में चयनित न्यायाधीशों को न्यायिक अकादमी बुलाया जाता है तो कुछ को सीधे न्यायालय. मेरे ख्याल से पहले अकादमी आना चाहिए उनके बाद न्यायालय.
किसी को न्याय मिलने से आत्मा सुखी हो जाती है- शिवराज
इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस बात के प्रयास करने होंगे कि आम आदमी को कैसे सुखी रखा जाए. जब किसी को न्याय मिलता है तो आत्मा सुखी हो जाती है. भारत की न्यायपालिका को वो प्रतिष्ठा प्राप्त है, जिसमें हर आदमी को भरोसा है. न्यायपालिका पर आम आदमी पूरा-पूरा भरोसा करता है.
राज्यपाल-सीएम सहित कई ने की अगवानी
कार्यक्रम शुरू होने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जबलपुर के डुमना विमानतल पर सुबह 9:40 पर आगमन हुआ. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की आगवानी और स्वागत करने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक समेत अन्य मंत्री, विधायक और उच्च न्यायालय के तमाम न्यायाधीश पहुंचे. गौरतलब है कि अपने दो दिवसीय प्रवास पर जबलपुर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ज्यूडिशियल एकेडमी डायरेक्टर्स रिट्रीट के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वापस सर्किट हाउस आएंगे और शाम 5:00 बजे तक उनका समय आरक्षित रखा गया है.
कल दमोह में भूमि पूजन करेंगे राष्ट्रपति
देर शाम 6:30 बजे राष्ट्रपति सर्किट हाउस से नर्मदा तट ग्वारीघाट के लिए रवाना होंगे जहां सांध्य नर्मदा महाआरती में शिरकत करेंगे. माना जा रहा है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश के पहले राष्ट्रपति होंगे जो इस गरिमामय समारोह के दौरान मां नर्मदा घाट पर मां की महाआरती करेंगे. इसके बाद राष्ट्रपति 7:30 बजे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के लिए रवाना होंगे. यहां रात्रि भोज में शिरकत करेंगे. राष्ट्रपति कल सुबह 10:00 बजे दमोह के लिए रवाना होंगे. यहां वे स्थानीय कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. वे सिंगोरगढ़ में रानी दुर्गावती के महत्वपूर्ण स्थान पर 26 करोड़ की लागत से उन्नयन कार्यों का भूमि पूजन करेंगे. बता दें, रात्रि विश्राम के बाद 7 मार्च को राष्ट्रपति सुबह करीब 10 बजे दमोह के लिए रवाना होंगे. दमोह में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद दोपहर करीब 1:30 बजे जबलपुर डुमना एयरपोर्ट आएंगे और यहां से दोपहर 2 बजे दिल्ली रवाना होंगे.