भोपाल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को यथार्थ रूप देने के लिये शिवराज सिंह सरकार ने ''डिजिटल मध्यप्रदेश''  के लिये तैयारियां तेज कर दी हैं। इंदौर में 8 अक्टूबर से शुरू हो रही तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेसर्स समिट में शिवराज सरकार डिजिटल मध्यप्रदेश पर फोकस करेगी। संचार एवं सूचना प्रौदयोगिकी के क्षेत्र में बढ रहे निवेश को देखते हुए डिजिटल मध्यप्रदेश के लिये नये निवेशकों विशेष रूप से मध्यम वर्ग के उदयोगों में हार्डवेयर इंडस्ट्री को भी आकर्षित करने की तैयारियां हो रही हैं।
 

मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के दूरस्थ इलाकों में काम शुरू हो चुका है। आदिवासी जिलों में बच्चे वर्चुअल क्लास के माध्यम से भौतिक शास्त्र, गणित ओर अंग्रेजी का अध्ययन कर रहे हैं। यह कार्य राष्ट्रीय नालेज नेटवर्क परियोजना के अंतर्गत चल रहा है। जल्दी ही अन्य जिलों में इसका विस्तार होगा। तैयारी यह भी हो रही  की मध्यप्रदेश के बच्चे वर्चुअल क्लास के जरिये अखिल भारतीय सेवा की परीक्षा में शामिल होने की पढ़ाई कर सकें।

 मध्यप्रदेश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिये सभी विभागों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी बीच  शिवराज सिंह सरकार ने ऐसे निर्णय लिये हैं जो डिजिटल मध्यप्रदेश के निर्माण में महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने अपनी ई मेल नीति बनाई। उत्तर भारतीय राज्यों में सर्वाधिक ई-गवर्नेन्स परियोजनाएं मध्यप्रदेश में शुरू की गई हैं।

चाहे सभी ग्राम पंचायतों में हाई स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने की पहल हो या पहली क्लास से जाति प्रमाण पत्र बनाना हो। चाहे आनलाइन नागरिग सुविधाएं हों या वित्तीय समावेश हो। मध्यप्रदेश ने उल्लेखनीय पहल की है। 

ब्राडबैंड हाइवेज, मोबाइल कनेक्टिविटी सबको सुगम-सुलभ कराना, पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम, ई-गवर्नेन्स: प्रौद्योगिकी के जरिए सरकार को सुधारना, ई-क्रांति - सेवाओं की इलेक्ट्रानिक डिलीवरी, सबके लिए जानकारी, इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण, रोजगारों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी, अर्ली हार्वेस्ट प्रोग्राम्स जैसे मुददों पर नई नई परियोजनाएं लागू की जा रही हैं।

 नेशनल नॉलेज नेटवर्क, स्टेट डाटा सेंटर, विडियो कांफ्रेंसिंग, ई—ट्रांजेक्शन, ई—डिस्ट्रिक्ट, ई—उपार्जन, सीएम हेल्पलाईन, आइडियाज फॉर सीएम, समाधान आनलाईन, समग्र, लोक सेवा प्रदाय गारंटी में आईसीटी का उपयोग, सी—डेक, मुंबई द्वारा प्रदत्त कराई जा रही एसएमएस सुविधा, भोपाल, इंदौर, ​जबलपुर और ग्वालियर में स्थापित हो रहे आईटी पार्क, एनईजीपी के तहत मध्यप्रदेश में संचालित हो रहे नागरिक सुविधा केंद्र, एमपीआनलाईन के क्यिोस्क, मध्यप्रदेश की पंचायतों को रेल टेल द्वारा इं​टरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने की पहल, ई—मुनिसिपल, मध्यप्रदेश के विधायकों को हाइटेक किये जाने के प्रयास के तहत लेपटॉप उपलब्ध कराना तथा प्रशिक्षण, मेधावी छात्रों को लेपटॉप उपलब्ध कराना तथा मध्यप्रदेश के पत्रकारों को लेपटॉप, मेधावी छात्रों को स्मार्टफोन देने की प्रारंभ की जा रही योजना, भोपाल और इंदौर शहर में ओपन  वाई—फाई सुविधा शुरु होने जा रही है।

राज्य में शासन—प्रशासन और सोसायटी में सोशल मीडिया का व्यापक स्तर पर हो रहा उपयोग। देश की बड़ी आईटी कम्पनी जैसे इन्फोसिस और टीसीएस ने अपनी योजनाएं मध्यप्रदेश में संचालित कर दी हैं। विप्रो भी शीघ्र ही मध्यप्रदेश में शीघ्र ही अपना प्रोजेक्ट ला रहा है। राज्य के लगभग सभी विभागों की वेबसाईट के अलावा मध्यप्रदेश में आईसीटी के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में अनेक ऐसी अभिनव पहलें हुईं जो देश में मिसाल बनी हुईं हैं जैसे ई—मेल नीति, आईटी काडर, सायबर ट्रेजरी, आईटी के लिये विभागों में अलग से बजट का प्रावधान, ई—पत्रकारिता को प्रोत्साहन करना आदि शामिल हैं।