नल में पानी आता देख बोले- हमसे पूछो एक-एक बूंद की कीमत, पानी की चिंता के साथ होती थी सुबह, 2.5 KM दूर से लाते थे पानी


नल में पानी आया तो मां नर्मदा के जयकारे लगाकर पूजन आरती की गई।

यह बात आपको चौंका सकती है कि मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और स्वच्छता में 4 बार नंबर वन रहने वाले इंदौर में ऐसी कॉलोनी भी है, जहां के रहवासियों के नल में पानी पहुंचने में 33 साल लग गए। यह बात सुनने में थोड़ी अजीब जरूर लग रही है, लेकिन यह हकीकत है। इस कॉलोनी का नाम कुंदन नगर है। 6 से 7 हजार की आबादी वाली इस कॉलोनी में रहने वालों को दो से ढाई किमी दूर से पानी लाना पड़ता था। 26 जनवरी को यहां के रहवासियों को उपहार में वह खुशी मिली, जिसका इंतजार ये लंबे समय से कर रहे थे। अहीरखेड़ी टंकी से वाॅल का पूजन कर जब क्षेत्र में पानी चालू किया गया तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने नल से बहे नर्मदा जल को पूजा और पानी घरों तक पहुंचाने वालों का फूलों से स्वागत किया।

खुशी में लोगों ने बलराम वर्मा का माला पहनाकर स्वागत किया।

जल समिति के प्रभारी रहे बलराम वर्मा ने बताया कि अहीर खेड़ी टंकी से वाल का पूजन करके पानी चालू किया गया। पिछले 33 सालों से यहां की जनता को प्रगति नगर की टंकी से पानी लाना पड़ रहा था। अमृत योजना के तहत टंकी बनाकर कुंदन नगर में पानी की लाइन डाली गई है। वर्मा ने बताया कि करीब 13 गलियों में पानी की सप्लाई शुरू हो गई है। 6 गालियां अभी बाकी हैं। इसमें सभी 8 से 10 दिनों में सप्लाई शुरू कर दी जाएगी। पानी आने की खुशी में महिलाओं ने पहले तो नर्मदा मैय्या का पूजन किया और फिर वर्मा का हार फूल से स्वागत किया। एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी बांटी। वर्मा के साथ वार्ड संयोजक मनोहर व्यास, निर्भय सिंह पटेल, मंडल के महामंत्री संजय वर्मा, निर्मला बेस, भगवती दीक्षित, फौजी कृष्णा, रविन्द्र मौर्य आदि ने क्षेत्र में घूमकर पानी की सप्लाई को देखा।

लोग बोले दो से तीन किलाेमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर थे।

पानी का मोल हमसे बेहतर कोई नहीं जान सकता

रहवासी युगल वर्मा ने बताया कि कुंदन नगर में पानी के लिए हमें काफी संघर्ष करना पड़ा। यहां करीब 1800 मकान हैं, जहां पर 6 से 7 हजार लोग निवास करते हैं। पानी की एक-एक बूंद की कीमत हमसे बेहतर कोई नहीं जान सकता है। यहां के रहवासी 2-3 किमी दूर प्रगति नगर की टंकी से पानी भरकर लाते और अपना निस्तार करते थे। अलसुबह से ही कोई साइकिल तो कोई बाइक पर केन लटकाकर पानी के लिए निकल जाता था। हम अपने सारे काम एक तरफ करके सबसे पहले पानी की व्यवस्था में लगे रहते थे। कई लोग तो सिर पर पानी रखकर लाने को मजबूर थे।

पूर्व आईडीए अध्यक्ष मधू वर्मा पिछले साल गणेशोत्सव में आए थे। हमने उन्हें समस्या से अवगत करवाया और ज्ञापन भी सौंपा।

इसके बाद उन्होंने जल समिति के प्रभारी रहे बलराम वर्मा को इस बारे में जानकारी दी। लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार पानी हमारे घरों में आ गया। युगल वर्मा ने बताया कि नर्मदा का पानी लाने के लिए हमने नगर निगम में एक आवेदन भी दिया था। नर्मदा का पानी आने से हमारी जीवनभर की समस्या खत्म हो गई। इसके अलावा हमारे क्षेत्र में सड़क भी पहुंच गई है।