नई दिल्ली । महामारी कोरोना वायरस से जूझ रहे भारत के प्रमुख एक दर्जन बड़े बंदरगाहों पर माल यातायात में लगातार नौवें महीने दिसंबर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई और यह 47.8 करोड़ टन रहा। बंदरगाहों के शीर्ष निकाय इंडियन पोर्ट एसोसिएशन (आईपीए) ने यह जानकरी दी। केंद्र सरकार के अधीन आने वाले 12 प्रमुख बंदरगाहों पर माल यातायात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान 8.80 प्रतिशत घटकर 47.775 करोड़ टन रहा। एक साल पहले इसी अवधि में यह 52.384 करोड़ टन था। बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में कहा था कि 12 बड़े बंदरगाहों पर माल (कार्गो) यातायात मार्च के बाद से उल्लेखनीय रूप से कम हुआ है। इसका कारण कोविड-19 महामारी का प्रतिकूल प्रभाव है। मुरमुगांव पत्तन न्यास को छोड़कर सभी बंदरगाहों पर माल परिवहन घटा है। मुरमुगांव पत्तन न्यास पर माल रखरखाव 23.28 प्रतिशत बढ़कर 1.453 करोड़ टन रह। कामराज बंदरगाह (एन्नोर) पर माल की आवाजाही अप्रैल-दिसंबर, 2020 के दौरान 26.60 प्रतिशत घटकर 1.719 करोड़ टन रही। जबकि मुंबई, चेन्नई और कोचीन बंदरगाहों पर इसमें 14 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गयी। जेएनपीटी और वीओ चिदंबरनार पर माल के प्रबंधन में 12 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। दीनदयाल बंदरगाह पर माल प्रबंधन 8.70 प्रतिशत घटा जबकि न्यू मैंगलोर पर इसमें 6.56 प्रतिशत की कमी आई। पारादीप बंदरगाह पर 1.41 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी। कोविड-19 महामारी के कारण कंटेनरों, कोयला और पीओए (पेट्रोलियम, तेल और ल्यूब्रिकेंट्स) समेत अन्य जिंसों की मात्रा में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई।