नई दिल्ली । देश के उद्योगों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मशहूर मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप की नई गोपनीयता नीति पर कड़ा ऐतराज जताते हुए उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। कैट का कहना है कि वॉट्सऐप नई नीति से ऐप को इस्तेमाल करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के सभी प्रकार के व्यक्तिगत डेटा, भुगतान लेनदेन, संपर्क, स्थान और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को हासिल कर किसी भी उद्देश्य के लिए उपयोग कर सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को भेजे गए एक पत्र में कैट ने मांग की है कि सरकार को वॉट्सऐप को नई गोपनीयता नीति को लागू करने से तुरंत रोकना चाहिए तथा वॉट्सऐप और उसकी मूल कंपनी फेसबुक पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए। भारत में फेसबुक के 20 करोड़ से अधिक यूजर हैं और कंपनी द्वारा प्रत्येक उपयोगकर्ता के डेटा को अपनी नीति के माध्यम से जबरन प्राप्त करने से न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
कैट ने कहा, 'यह हमें ईस्ट इंडिया कंपनी के उन दिनों की याद दिलाता है। कंपनी ने नमक का व्यापार करने के लिए भारत में प्रवेश किया और देश गुलाम हुआ लेकिन वर्तमान समय में डेटा ही अर्थव्यवस्था एवं देश की सामाजिक संरचना के लिए महत्वपूर्ण है। बिना किसी शुल्क के फेसबुक और वॉट्सऐप का उपयोग करने के लिए भारतीयों को पहले सुविधा देने के पीछे उनका असली मकसद अब सामने आ रहा है। उनका उद्देश्य प्रत्येक भारतीय के डेटा को हासिल करना है और अपने छिपे हुए एजेंडे के साथ भारत के व्यापार और अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की वॉट्सऐप भारत में अगले महीने से अपनी बदली हुई निजता नीति को लागू करने वाला है जो वॉट्सऐप का उपयोग करने वाले लोगों को अपनी मनमानी और एकतरफा शर्तों को स्वीकार करने के लिए बाध्य करेगा। वो ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें फिर अपने मोबाइल से वॉट्सऐप को हटाना होगा। भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा कि वॉट्सऐप की बदली हुई निजता नीति एक व्यक्ति की निजता का अतिक्रमण है और भारत के संविधान के मूल बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है। सरकार को इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।
वॉट्सऐप और फेसबुक के विरुद्ध लामबंद हुए कारोबारी, प्रतिबंध लगाने की मांग
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