GST पर ग्राहकों को चूना लगाने वालों के खिलाफ सरकार जल्द नए कदम उठाने की तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि सरकार जीएसटी मुनाफारोधी रेगूलेटर के गठन को आज मंजूरी मिल सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिए जाने की उम्मीद है. इस पैनल में चेयरमैन सहित चार तकनीकी सदस्यों को नियुक्त किया जा सकता है.
दो साल का होगा कार्यकाल
> प्राधिकरण दो साल काम करेगा और उसके बाद इसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. यह अवधि चेयरमैन के पदभार संभालने की तारीख से मानी जाएगी.
> प्राधिकरण के चेयरमैन और चार सदस्यों की उम्र 62 साल से कम होने की भी शर्त रखी गई है.
हर महीने मिलेगा 2.25 लाख रुपए वेतन
चेयरमैन सचिव स्तर के अधिकारी होंगे. उन्हें 2.25 लाख रुपए मासिक वेतन और अन्य भत्ते एवं लाभ मिलेंगे.
> अगर किसी सेवानिवृत्त अधिकारी को चेयरमैन बनाया जाता है, तो उन्हें मिलने वाले 2.25 लाख रुपए में से पेंशन को घटा दिया जाएगा.
> तकनीकी सदस्यों को 2.05 लाख रुपए समेत अन्य भत्ते एवं लाभ मिलेंगे. यह सब अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी स्तर के होंगे.
जीएसटी काउंसिल दे चुका है मंजूरी
> जीएसटी काउंसिल ने माल एवं सेवा कर के तहत कर की दरें कम होने से उसका लाभ ग्राहकों को नहीं देने वाली इकाइयों पर अंकुश लगाने को लेकर पांच सदस्यीय राष्ट्रीय मुनाफानिरोधी प्राधिकरण के गठन को पहले ही मंजूरी दे दी है.