जयपुर। प्रदेश के गांव के गांव पानी में घिरे हुए हैं। नदी-नाले उफन रहे हैं। मारवाड़ क्षेत्र में बाढ़ का कहर है। पाली, सिरोही और जालोर के अलावा बाड़मेर, जैसलमेर में हालात बेकाबू है। दर्जनों गांव खाली कराए गए हैं। रेलवे ट्रैक बंद है। बाढ़ से घिरे इलाकों में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रभावित जिलों में एटीएफ, एनडीआरएफ व आरएसी के जवान बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। करीब आधा दर्जन गांवों को खाली कराया गया है।

मारवाड़ के 5 जिलों पर बाढ़ की मार है। आठ दिन से पाली, सिरोही व जालोर में गांव के गांव और कॉलोनियां डूबी हुई हैं। तेज बारिश के बाद बाड़मेर व जैसलमेर के पोकरण में भी बाढ़ के हालात बन गए। 20 गांव व 70 ढाणियां पानी से घिरे हैं। 

शनिवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का हेलिकाॅप्टर से दौरा किया। मौसम खराब होने के कारण उन्हें पाली जिले के सोजत से ही वापस जयपुर लौटना पड़ा। उन्होंने शाम को अाला स्तर की मीटिंग ली और कई हिदायतें दीं। जयपुर में सुबह से देर रात तक बारिश का सिलसिला चला। यहां 12 मिमी बारिश हुई।

मुख्यमंत्री वसुंधरा ने आगामी आदेश तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टर्स सहित सभी विभागों के अवकाश रद्द किए। उन्होंने सूचना पर तुरंत राहत पहुंचाने के आदेश दिए। सीएम को अफसरों ने बताया कि बाढ़ से घिरे इलाकों में अब तक 16 लोगों की मौत हुई है। 11 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। 20 राहत कैंप स्थापित किए गए हैं। जलप्लावन से 16 लोगों की मौत हुई, जिन्हें 64 लाख रु. की मुआवजा राशि दी गई। जालौर में पशुधन संरक्षण के लिए 19 करोड़ रु. जारी किए गए। पाली में 7 हजार, जालौर में 2200, सिरोही में 17 हजार तैयार भोजन के पैकेट, 4 हजार सूखे भोजन के पैकेट, बाड़मेर में 2 हजार पैकेट गिराए गए। इसके अलावा एक हजार लोगों के खाने की व्यवस्था की गई। राजस्व विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में विशेष गिरदावरी के आदेश दिए हैं। इन इलाकों में 2.95 लाख किसानों के 1310 करोड़ रुपए के शॉर्ट टर्म लोन को मीडियम टर्म लोन में बदला जाएगा। इस पर सरकार 196 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि व्यय करेगी।