श्रीनगर : यहां एनआईटी में शांति लौटने के बीच निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को परीक्षा आयोजित की गई, लेकिन दूसरे राज्यों के करीब 1000 छात्रों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया और बाद में परीक्षा लिए जाने के अवसर का लाभ उठाने का फैसला किया।

पता चला है कि एनआईटी के करीब 1000 बाहरी छात्रों में हाल के विवाद के बाद यहां से चले जाने और बाद में परीक्षा देने का फैसला किया। संस्थान में कुल छात्रों की संख्या 2500 है।

एक सूत्र ने कहा, ‘करीब 500 छात्र (श्रीनगर स्थित) परिसर से जा चुके हैं जबकि 500 अन्य छात्रों ने भी यहां से जाने का मन बना लिया है।’ हालांकि उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में बाहरी छात्र अभी परिसर में हैं और परीक्षा में भाग ले रहे हैं।

इस बीच हालात का जायजा लेने के लिए एनआईटी के संचालक मंडल की आज यहां एक बैठक हुई, जिसमें परिसर में जल्द से जल्द शांति बहाल करने और शैक्षणिक गतिविधियों को फिर निर्बाध बनाने के हरसंभव प्रयास करने का फैसला किया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि संचालक मंडल के आठ सदस्यों, जिनमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल हैं, ने मौजूदा हालात का जायजा लिया और पिछले सप्ताह की उन घटनाओं की समीक्षा की, जिनकी वजह से संस्थान का माहौल बिगड़ा।

बैठक में बताया गया कि कुछ बाहरी छात्रों ने आज हुई परीक्षा में भाग लिया और आज जिन बाहरी छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा नहीं लिया वह बाद में यह परीक्षा दे सकेंगे।

सूत्रों ने बताया कि बहुत से बाहरी छात्र आज की परीक्षा में शामिल नहीं हुए। दरअसल केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने छात्रों के सामने बाद में परीक्षा देने का विकल्प रखा था। यह सुझाव दिया गया कि फैकल्टी के सदस्य बाहरी छात्रों के साथ नियमित संवाद करें और स्थानीय और बाहरी छात्रों के बीच माहौल बेहतर बनाने के लिए प्रयास करें।

बैठक में अन्य मामलों के अलावा छात्रों की इस मांग पर भी विचार किया गया कि उनकी उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन बाहर से कराया जाए। इस मामले में कुछ और विचार विमर्श किया जाएगा और संबद्ध पक्षों की राय लेने के बाद नीतिगत निर्णय किया जाएगा।

हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की एक बैठक जो बुधवार को श्रीनगर में होने वाली थी उसे स्थगित कर दिया गया है। इस बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और कई सांसदों को भाग लेना था।

एक सूत्र ने इस संबंध में पीटीआई को बताया कि इस बैठक को स्थगित कर दिया गया है। इस बारे में संपर्क करने पर अधिकारी ने बैठक टालने का कोई कारण नहीं बताया।

इस बीच पुलिस ने परिसर में तिरंगा फहराने के इरादे से दिल्ली से यहां आए तीन व्यक्तियों को संस्थान में प्रवेश नहीं करने दिया। परिसर में पिछले 11 दिन से टकराव और तनाव का माहौल था।

इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के एक अधिकारी ने कहा कि परिसर में स्थिति शांतिपूर्ण है और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।

अधिकारी ने बताया कि संस्थान में परीक्षा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज आयोजित की गई, जिसमें सभी स्थानीय छात्रों और कुछ बाहरी छात्रों ने हिस्सा लिया।

आज दिन में दिल्ली के तीन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के इरादे से परिसर में प्रवेश करने का प्रयास किया। वह 150 लोगों के उस समूह का हिस्सा थे, जो दिल्ली से यहां आया था और एनआईटी जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें कल जम्मू में हिरासत में ले लिया गया। यह तीनों कल पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहे और श्रीनगर पहुंच गए। इन्हें संस्थान के मुख्य गेट पर रोक लिया गया, जब इन्होंने राष्ट्रीय ध्वज निकाला और परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए लोगों में से एक का नाम तेजिन्दर सिंह बग्गा है।

बग्गा ने संवाददाताओं को बताया, ‘हम तिरंगा (फहराने के लिए) छात्रों को देने दिल्ली से यहां आए थे, लेकिन पुलिस ने हमसे ध्वज छीन लिया।’ बग्गा के अनुसार 150 कार्यकर्ताओं ने दिल्ली से एनआईटी की यात्रा शुरू की थी, लेकिन उनमें से ज्यादातर को जम्मू में रोक लिया गया। ‘सिर्फ हम तीन श्रीनगर पहुंच पाए।’ पुलिस वाहन में ले जाए जाने से पहले कुछ स्थानीय निवासियों ने बग्गा को रोका और उसपर एनआईटी परिसर का माहौल खराब करने की कोशिश का आरोप लगाया।

एक अधेड़ ने बग्गा से कहा, ‘क्यों आए हो यहां? सभी छात्र.स्थानीय हों या बाहरी.सब हमारे बच्चे हैं। वह हमारी जिम्मेदारी हैं और हम जानते हैं कि उनका ख्याल कैसे रखना है। आपको इतनी दूर से यहां आने की जरूरत नहीं।’ एनआईटी एक अप्रैल को विवाद का केन्द्र बन गया, जब विश्व कप टी20 के सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के हाथों भारत की हार के बाद स्थानीय और बाहरी छात्रों के बीच झगड़ा हुआ।