काठमांडो : नेपाली मीडिया के मुताबिक चीन के साथ हस्ताक्षर किए गए 10 मुख्य समझौतों ने भारत पर नेपाल की अत्यधिक निर्भरता को कम कर दिया है और इस भूआवेष्टित देश को आत्मनिर्भर बनने के लिए एक मनोवैज्ञानिक प्रोत्साहन दिया है।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक दिन पहले ही चीन के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की है जिसके बाद नेपाली मीडिया की यह टिप्पणी आई है।
नेपाल और चीन ने सोमवार को बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें एक ऐतिहासिक ट्रांजिट संधि भी शामिल है जो व्यापार के लिए भारतीय समुद्री बंदरगाहों पर नेपाल की निर्भरता को समाप्त करेगा।
चीन ने अहम क्षेत्रों में नेपाल के साथ सहयोग बढ़ाने का भी संकल्प लिया है। इनमें संपर्क, औद्योगिक क्षमता, तेल एवं गैस शामिल हैं।
यह करार यहां कई प्रमुख अखबारों की सुखिर्यां बने हैं।
नेपाली भाषा में प्रकाशित होने वाले अखबार नागरिक ने अर्थशास्त्री विश्वंभर प्याकुरेल के हवाले से कहा कि ये समझौते नेपाल को अंतराष्ट्रीय व्यापार विस्तारित करने में मदद करेंगे। इसने नेपाल को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के लिए एक मनोवैज्ञानिक प्रोत्साहन दिया है।
उन्होंने अखबार से कहा कि इसने चारों ओर से भूमि से घिरे इस देश की भूराजनीतिक मजबूरियों को कम किया है। अखबार ने अपने पहले पन्ने की खबर में लिखा है कि नेपाल भारतीय आर्थिक प्रतिबंध की स्थिति का सामना करने से मुक्त हो गया है क्योंकि समझौते चीन के निकटवर्ती समुद्री मार्गों से संपर्क मुहैया करेंगे।
पूर्व वाणिज्य सचिव पुरषोत्तम ओझा ने कहा कि पारगमन (ट्रांजिट) संधि नेपाल के इतिहास में सर्वाधिक अहम घटना है। उन्होंने कहा, ‘समझौता न सिर्फ भारतीय दबाव को कम करेगा बल्कि मध्य एशियाई अर्थव्यवस्थाओं तक पहुंच को लेकर नेपाल के लिए दरवाजे भी खोलेगा।’ एक अन्य प्रमुख अखबार ‘द काठमांडो पोस्ट’ ने लिखा है कि चीनी सुविधाओं का इस्तेमाल 2020 में शुरू हो सकता है जब चीनी रेल नेटवर्क केरूंग पहुंचेगा।
‘हिमालयन टाइम्स’ ने अपने संपादकीय में लिखा है कि समझौते ऐतिहासिक हैं और नेपाल के लिए दूरगामी महत्व रखते हैं। इसने कहा है कि ये समझौते द्विपक्षीय संबंध को और विस्तृत और मजबूत करेंगे।
भारत पर अत्यधिक निर्भरता कम करने के लिए है नेपाल-चीन समझौता : मीडिया
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