इंदौर। कोई इंजीनियरिंग पास, किसी के पास मैनेजमेंट और एमएससी की डिग्री। ऊपर से कम्प्यूटर के जानकार, लेकिन सरकारी नौकरी की ऐसी चाह की कलेक्टर, एसडीएम और तहसील कार्यालयों में प्यून बनकर पानी पिलाने से भी परहेज नहीं। ये सरकारी नौकरी के लिए दीवानगी है या बेरोजगारी का आलम है कि उच्च शिक्षित युवा अपनी योग्यता से नीचे जाकर काम करने को तैयार हो रहे हैं।
प्रदेश स्तर पर विभिन्न् जिलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति में यह हकीकत सामने आई है। इन कर्मचारियों को मंगलवार को नियुक्ति पत्र दिए गए। कहने को ये छोटी-सी नौकरी है, लेकिन इसे पाकर कई चयनित युवा संतुष्ट नजर आ रहे थे। व्यापमं के जरिये पूरे प्रदेश में करीब 250 से ज्यादा ऐसे कर्मचारियों की भर्ती की गई।
इसमें से 27 इंदौर जिले को मिले हैं। इस पद के लिए शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास रखी गई थी, लेकिन जिनका चयन हुआ है उसमें 27 में से 25 युवक-युवती उच्च शिक्षित हैं। इस पद के लिए चयनित 15 से ज्यादा युवा पीजीडीसीए की डिग्री रखते हैं। इस जमात में एमएससी, बीएससी और बीबीए वाले भी हैं। बचे दो आवेदक भी हायर सेंकडरी पास हैं।
कॉम्पीटिशन भी तगड़ा: 95 परसेंट कटऑफ
इस पद के लिए प्रतियोगियों का परफॉर्मेंस भी इतना तगड़ा रहा कि पास होने में भरपूर जोर लगाया। ऐसे जोर कि पुरुष वर्ग में चयनित आवेदकों के लिए कट ऑफ मार्क्स 95 रहे,जबकि महिला वर्ग में कट ऑफ मार्क्स 76 रहे। चयनित प्रतियोगियों को जिले की अलग-अलग तहसीलों में नियुक्ति दी गई है। भले ही उनकी फाइल में बड़ी-बड़ी डिग्री हो, लेकिन नियुक्ति से पहले उनकी आठवीं की मार्कशीट जरूर देखी गई,क्योंकि नौकरी के लिए तय योग्यता यही थी। इन नए-नवले कर्मचारियों को फिलहाल हर माह 10 हजार रुपए पगार मिलेगी।
फिलहाल नौकरी प्यून की, टारगेट पीएससी
प्यून की पोस्ट पर चयनित बीएड पास शैलेंद्र साहू कहते हैं, अविवाहित हूं और अभी प्रायवेट जॉब करता हूं। सरकारी नौकरी में भविष्य सुरक्षित रहता है, इसलिए इस पद के लिए परीक्षा में बैठा। मैं यह नौकरी पाकर स्र्कूंगा नहीं, पीएससी की तैयारी भी कर रहा हूं। इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनिरिंग कर चुकी प्रियंवदा बताती हैं कि मेरे पास प्रायवेट नौकरी के कई अच्छे विकल्प हैं, लेकिन मुझे तो सिर्फ सरकारी नौकरी ही चाहिए थी। नई नौकरी के बारे में अब तक परिवार वालों को भी नहीं बताया है।
डिग्री इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट की, दफ्तरों में पिलाएंगे पानी
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