श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका में लगातार दो सीरीज जीतने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने शुक्रवार को कहा कि लंबी अवधि के प्रारू प में टीम की हालिया सफलता का कारण स्पिनर रविचंद्रन अश्विन हैं। अश्विन ने दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी में सात और मैच में 12 विकेट लिए। इससे भारत ने चार मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बनाई। कोहली की अगुवाई में भारत ने इससे पहले श्रीलंका को उसकी सरजमीं पर 2-1 से हराया था। कोहली ने मैच के बाद कहा कि अश्विन विश्वस्तरीय स्पिनर है।

उन्होंने हमारी जीत में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है यहां तक श्रीलंका में भी। वे मुख्य कारण थे जिससे हम लगातार दो सीरीज जीतने में सफल रहे। वे हमारी तरफ से लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। यह हमारे लिए खुशी की बात है कि हमारे पास अश्विन जैसा खिलाड़ी है। अश्विन, रविंद्र जडेजा और अमित मिश्रा ने स्पिनरों की मददगार पिच पर सभी 20 विकेट हासिल किए और कोहली अपनी स्पिन ब्रिगेड से खुश हैं।

कोहली ने कहा कि यही टैस्ट क्रिकेट है। हमें गेंद से संयम बनाए रखने की जरूरत होती है और यह विश्वास रखना होता है कि मौका मिलेगा। मिश्रा ने इस दौरान अपने जज्बे का बहुत अच्छा नमूना पेश किया। सीरीज में स्पिनरों की तूती बोल रही है। भारत ने मोहाली में भी तीन दिन के अंदर जीत दर्ज कर ली थी और जामथा में भी तीसरे दिन अंतिम सत्र में उसे जीत मिली। कोहली का मानना है कि यह चुनौतीपूर्ण विकेट था। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि विकेट चुनौतीपूर्ण था। मोहाली में बल्लेबाजों ने बेहतर प्रदर्शन किया।

यह सब कुछ टिककर खेलने से जुड़ा हुआ है। इसको लेकर कोई बहाना नहीं है। हमारे बल्लेबाजों ने तीन पारियों में जज्बा दिखाया। कई बार परिस्थितियां गेंदबाजों के अनुकूल होती है और मौके बनाए जा सकते हैं। सीरीज जीतना बेहद महत्वपूर्ण है। दिल्ली हमारे पास अपना अच्छा प्रदर्शन बरकरार रखने का मौका होगा। अश्विन को अपने करिअर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 66 रन देकर सात विकेट लिए मैन आफ द मैच चुना गया। उन्होंने कहा कि आज विकेट थोड़ा धीमा पड़ गया था। विकेट से मदद मिल रही थी लेकिन जिस तरह से फाफ डु प्लेसिस और हाशिम आमला खेल रहे थे तो हमें कुछ अच्छी गेंदें करने की जरू रत थी। एक टीम मुकाबला करने की कोशिश कर रही थी और एक टीम जीत की। बल्लेबाज शतक बनाना चाहते थे और मैं पांच विकेट लेना चाहता है।

उन्होंने कहा कि अमित ने लंच के बाद बेहतरीन स्पैल किया और इस सत्र में दो कीमती विकेट लिए। कोई भी बल्लेबाज जिसे अपने डिफेन्स पर विश्वास है वह अच्छा खेल सकता था। मैच जीतने के लिए औसत से समझौता करने में कोई परेशानी नहीं:  कोहली ने इन सुझावों को खारिज कर दिया कि तीसरे टैस्ट में यहां दक्षिण अफ्रीका पर 124 रन की जीत के साथ सीरीज में 2-0 की विजयी बढ़त लेदने के दौरान घरेलू टीम की बल्लेबाजी बदतर थी जबकि गेंदबाज सफल रहे। कोहली ने कहा कि सबसे पहले तो मुझे नहीं लगता कि हमारा प्रदर्शन बदतर था। यह कड़ा शब्द इस्तेमाल किया जा रहा है।

यह कौशल का पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं कर पाना है। दूसरी बात जब तक हम टैस्ट मैच जीत रहे हैं तब तक मुझे औसत :बल्लेबाजों की: से समझौते में कोई परेशानी नहीं है। भारतीय बल्लेबाज सीरीज में अब तक प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं और सिर्फ मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा के नाम पर अर्धशतक दर्ज हैं। उन्होंने साथ ही कुछ पूर्व क्रिकेटरों पर परोक्ष रू प से निशाना साधते हए कहा कि मौजूदा टीम के खिलाड़ी रेकार्ड के लिए नहीं बल्कि जीत के लिए खेल रहे हैं।

कोहली ने कहा कि हम रेकार्ड के लिए नहीं खेल रहे, हम किसी संख्या या औसत के लिए नहीं  खेल रहे। इसे मुद्दा मत बनाइए। कोहली ने कहा कि श्रीलंका में पिछली टैस्ट सीरीज में भी बल्लेबाजों का प्रदर्शन शानदार नहीं रहा था लेकिन इसके बावजूद टीम गाले में पहला टैस्ट गंवाने के बाद सीरीज 2-1 से जीतने में सफल रही थी। उन्होंने कहा कि श्रीलंका में भी बल्ले से हमारा प्रदर्शन बेजोड़ नहीं था लेकिन फिर भी हमने सीरीज जीती। साफ सी बात है कि आपके लिए टैस्ट मैच गेंदबाज जीतते हैं। अगर आप 20 विकेट नहीं हासिल करते, आपका औसत 55 हो सकता है, यह कोई मायने नहीं रखता।

दूसरी तरफ, दक्षिण अफ्रीका के कप्तान हाशिम आमला ने भारत की सराहना की और कहा कि उन्होंने अपने करिअर में सबसे मुश्किल परिस्थितियों का सामना किया है। आमला ने मैच के बाद कहा कि संभवत: यह मेरे टैस्ट करिअर के सबसे मुश्किल हालात थे। संभवत: मैं जिन विकेट पर खेला उनमें यह सबसे मुश्किल थी और क्रिकेट खेलना भी काफी मुश्किल था। इसलिए श्रेय भारत को जाता है, उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की और दुर्भाग्य से हम इस मैच में हार गए। आमला का मानना है कि अंतिम पारी में 200 रन के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि 200 रन अधिक स्वाभाविक लक्ष्य होता। अगर मैं पहली पारी को देखूं तो उन्होंने लगभग 30 रन ज्यादा बनाए और दूसरी पारी में भी। आपको ईमानदारी से बताउच्च्ं तो मुझे नहीं लगता कि यह पहली पारी में 220 रन बनने देने वाली विकेट थी और ना ही दूसरी पारी में 170 रन वाली विकेट। हमें भारत को 140 रन पर समेट देना चाहिए था और यह संभवत: मैच का रंग बदल देता।

देश के पिछले दौरों पर शानदार प्रदर्शन करने वाले आमला दूसरी पारी में 39 रन के साथ संयुक्त रू प से दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष स्कोरर रहे। खराब फार्म से जूझ रहे फाफ डु प्लेसिस ने भी इतने ही रन बनाए। आमला ने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों की तरह इस टैस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों ने भी संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि अगर आप दोनों टीमों को देखो तो क्या भारतीय टीम की भी इसी तरह आलोचना होनी चाहिए। यह मेरे लिए महत्त्वपूर्ण तथ्य है जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि काफी लोग कहेंगे कि विराट और मुरल विजय स्पिनर के अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं। बेशक वे स्पिन के काफी अच्छे खिलाड़ी हैं लेकिन इस सीरीज में अब तक उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ा है। इन हालात में निश्चित तौर पर भारतीय स्पिनर असाधारण है और आपको उन्हें श्रेय देना होगा। आमला ने साथ ही निराशा जताई कि उनकी टीम का विदेशी सरजमीं पर नौ साल से अजेय रहने का रेकार्ड टूट गया।

उन्होंने कहा कि हां, यह काफी निराशाजनक है। मेरे पूरे करियर के दौरान हम विदेशी सरजमीं पर काफी अच्छा क्रिकेट खेले। मुझे लगता है कि यह सांत्वना हो सकती है कि विदेशी सरजमीं पर हमने संभवत: कभी इस तरह की परिस्थितियों का सामना नहीं किया और इस तरह की चुनौती भी हमने कभी नहंी झेली। आमला ने हालांकि पिच पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया जिस पर विजय के पहली पारी के 40 रन दोनों टीमों की ओर से शीर्ष स्कोर रहा। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मेरे लिए इस पर टिप्पणी करना मुश्किल होगा, विशेषकर हारने के बाद। इसलिए मैं फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं करूं गा।