ग्वालियर। सीबीएसई ने सर्कुलर दिया था कि स्कूल अपने कैंपस में जंक फूड प्रतिबंधित करें। बच्चों को लंच में जंक फूड खाने से रोकें। लेकिन इस सर्कुलर की आड़ में ऑक्सफोर्ड स्कूल ने यह तय करना शुरू कर दिया कि बच्चे लंच में किस दिन क्या खाएंगे और क्या नहीं। मनमानी इस हद तक बढ़ गई कि गत 27 अक्टूबर को ऑक्सफोर्ड स्कूल में कक्षा आठ में पढ़ने वाले एक छात्र को 4 घंटे तक सिर्फ इसलिए भूखा रखा गया क्योंकि वह लंच में पराठे और चटनी लेकर आया था।

उसके लंच बॉक्स में सब्जी का ना होना स्कूल प्रबंधन की नजर में इतना बड़ा जुर्म हो गया कि उसका टिफिन छीनकर उसे सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भोजन से वंचित रखा गया। मामले की शिकायत कलेक्टर डॉ.संजय गोयल से की गई है और उन्होंने प्रभारी डीईओ को जांच करने के निर्देश दिए हैं।

गुरूवार को अभिभावक राजेश जादौन कलेक्टर से मिले। कलेक्टर को उन्होंने बताया कि उनका बेटा आदित्य जादौन ऑक्सफोर्ड स्कूल में कक्षा आठ में पढ़ता है। 27 अक्टूबर को स्कूल की टीचर हर्षिता ने लंच के दौरान उसका टिफिन देखा।

टिफिन में पराठा और चटनी देखकर वह भड़क गई और सब्जी नहीं होने का हवाला देकर टिफिन छीन लिया। फिर चार घंटे तक भूखा रखा। कलेक्टर ने तत्काल प्रभारी डीईओ आरके उपाध्याय को फोन लगाया और उन्हें जांच करने के आदेश दिए। इस संबंध में स्कूल प्रबंधन का पक्ष लेने उनके ऑफिस नंबर 2427857 पर संपर्क किया लेकिन प्राचार्य या अन्य किसी जिम्मेदार से बात नहीं हो सकी।

और भी बच्चों को रखा है भूखा, शिकायत अब हुई है-

अभिभावक राजेश जादौन ने नईदुनिया को बताया कि उनके बेटे और अन्य बच्चों को भूखा रखने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। लेकिन शिकायत अब की गई है। पहले शिकायत स्कूल प्रिंसिपल रेखा सिंह से की थी लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई करने के बजाय स्कूल के मीनू चार्ट को ही फॉलो करने को कहा। यहां तक की बच्चे की डायरी में लिखकर मीनू चार्ट को फॉलो करने का दबाव बनाया गया।

कुछ सीबीएसई स्कूल अपने यहां मैस से लंच लेने को कहते हैं। लेकिन सभी ऐसा नहीं करते। सीबीएसई ने जंक फूड जैसे कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, कुरकुरे, समोसे, पिज्जा-बर्गर आदि स्कूल परिसर में बेचने और बच्चों के लंच में आने से रोकने के निर्देश दिए थे। लेकिन स्कूल इस सर्कुलर के बहाने अभिभावकों को अपनी ही मैस से लंच लेने का दबाव नहीं बना सकते। यह गलत है।

राजेश्वरी सावंत, अध्यक्ष, सहोदय, ग्वालियर

कलेक्टर से हमें ऑक्सफोर्ड स्कूल की जांच मिली है। हम तीन दिन में जांच कर प्रतिवेदन कलेक्टर को पेश कर देंगे। आरके उपाध्याय, प्रभारी डीईओ, ग्वालियर

मेरे बच्चे को चार घंटे सिर्फ इसलिए भूखा रखा गया क्योंकि मेरे बच्चे के टिफिन में उसकी टीचर को पराठे के साथ सब्जी नहीं दिखी। ऐसी घटना मेरे बच्चे के साथ पहले भी हुई थी और अन्य बच्चों के साथ अभी भी हो रही है। स्कूल अपने मीनू चार्ट फॉलो करने को कहता है। स्कूल के मीनू के अनुसार हम सुबह-सुबह कढ़ी बनाकर कैसे भेज सकते हैं। ऐसे बेतुके फरमान के चलते हमारे बच्चों पर स्कूल अत्याचार कर रहा है। राजेश जादौन, अभिभावक, ऑक्सफॉर्ड स्कूल

जंक फूड रोकने के सीबीएसई के सर्कुलर की आड़ में स्कूल बच्चों पर मैस से लंच लेने और ऐसा न करने पर चार घंटे तक भूखा रखने का दबाव बनाता है, तो यह कॉर्पोरल पनिशमेंट की श्रेणी में आता है। हम इस संबंध में जल्द ही कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगे। सुधीर सप्रा, अध्यक्ष, ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन, ग्वालियर