जबलपुर। कृषि और वेटनरी विवि और कॉलेज में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर एक सर्वे रिपोर्ट आने के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने नए कदम उठाए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कैंपस से बाहर रहने वाली छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं ज्यादा होती हैं। इससे अभिभावक उन्हीं कॉलेजों में एडमिशन लेते हैं, जहां हॉस्टल हैं। इसके बाद आईसीएआर ने देशभर के सभी 73 कृषि और वेटनरी विवि को निर्देश दिए हैं कि वे छात्राओं के रहने की व्यवस्था कैम्पस परिसर में ही करें। जिन विवि के पास हॉस्टल नहीं है, वे तत्काल हमें प्रस्ताव भेजें। इसके लिए सबसे पहले फंड रिलीज होगा। दरअसल इन विवि में छात्राओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पिछले पांच साल में कुल छात्र संख्या के 20 प्रतिशत छात्राएं थीं, लेकिन यह आंकड़ 50 फीसदी तक पहंुच गया है। आज देश के 73 विवि में 50 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं, जिसमें 25 हजार सिर्फ छात्राएं ही हैं। इनकी सुरक्षा आईसीएआर के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रही है।

सुरक्षा में कई चूक

प्रदेश में जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि और वेटनरी विवि में भी गर्ल्स हॉस्टल की संख्या, प्रवेश लेने वाली छात्राओं के बराबर नहीं है। इतना ही नहीं उनकी सुरक्षा में भी कई चूक सामने आई हैं। प्रदेश के दो विवि का हाल...

1 जनेकृविवि

-इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्राओं के लिए हॉस्टल नहीं है

- इनके रहने की व्यवस्था कृषि कॉलोनी के एक मकान में ही की गई है

- इस मकान की सुरक्षा के लिए सिर्फ तार के बाउंड्रीवाल बनाई गई है

- पिछले कुछ माह पूर्व कुछ छात्रों ने इस मकान में पत्थर बाजी कर दी थी

- जिसे विवि ने गंभीरता से लिया और हॉस्टल बनाने की पहले की है

वेटनरी विवि

- जबलपुर कॉलेज में दो गर्ल्स हॉस्टल है, जिसमें एक इसी साल बना है

- हॉस्टल कॉलेज के प्रवेश द्वार से ही लगा है, जिससे गर्ल्स की सुरक्षा करना मुश्किल है

- कॉलेज के पास एक गार्ड तक नहीं है, सुरक्षा की जिम्मेदारी दैनिक वेतन भोगी को दी है

- रीवा में गर्ल्स हॉस्टल इस साल बना है, महू में गर्ल्स हास्टल एक है, लेकिन छात्राएं ज्यादा है

- पूर्व कॉलेज डीन ने छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुए मुख्य प्रवेश द्वार को बंद कर दिया था

अभी तक नहीं भेजा प्रस्ताव

डीडीजी डॉ.राठौर ने बताया कि अभी तक जनेकृविवि और वेटनरी विवि, किसी ने भी गर्ल्स हॉस्टल बनाने संबंधित कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। जबलपुर दौरे के दौरान मैं दोनों विवि के कुलपतियों से मिला था। उन्होंने इस संबंध में अपनी समस्या बताई थी, जिस पर मैंने उन्हें जल्द से जल्द प्रस्ताव बनाने का कहा है। हम इसके लिए फंड रिलीज करेंगे। पहले प्रस्ताव भेजें, तभी बात आगे बढ़ेगी।

ये है हालात

- देशभर में कृषि और वेटनरी विवि मिलाकर 73 विवि हैं

- इनमें छात्राओं की संख्या 25 हजार तक पहंुच गई है

- कॉलेज में रहने के लिए सिर्फ 15 हजार छात्राओं की व्यवस्थ्ाा है

- अभी 10 हजार छात्राओं के लिए हॉस्टल उपलब्ध कराने हैं