ग्वालियर। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के माध्यम से अर्धसैनिक बल की भर्ती के लिए हुई परीक्षा में सॉल्वर के जरिए जवान बनाने का ठेका लेने वाला रैकेट पड़ाव व मुरार थाना पुलिस ने पकड़ा है। ठेका लेने वाले सूरज गुर्जर ने भी रामहरि गुर्जर के स्थान पर परीक्षा दी थी।

पड़ाव पुलिस ने 2 सॉल्वर सहित 4 युवकों को पकड़ा है। इसी बीच प्रगति विद्यापीठ विद्या मंदिर मुरार से 2 सॉल्वर सतेंद्र गुर्जर व दशरथ सिंह गुर्जर को पकड़ा है। पकड़े छह लोग गुर्जर एक ही जाति होने के कारण पुलिस इनके लिंक तलाश रही है। पुलिस ने इनके पास फर्जी वोटर कार्ड, आधार कार्ड अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस को रैकेट के पास से तीन प्रश्न पत्र मिले हैं।

आशंका है कि सूरज ने तीन युवकों को 50-50 हजार में अर्धसैनिक बल में भर्ती कराने का ठेका लिया था। पड़ाव पुलिस की पकड़ में आए चारों युवक अंबाह, जिला मुरैना के रहने वाले हैं, जबकि मुरार पुलिस ने युवकों में एक यूपी और एक राजस्थान का है।

एएसपी दिनेश कौशल ने बताया कि कन्या विद्यालय रेलवे कॉलोनी केंद्र पर फोटो मिसमैच होने पर एक सॉल्वर पकड़ में आया। पुलिस ने आशीष गुर्जर को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की। इसके बाद अन्य पांचों भी पकड़े गए।

सूरज ने गलत नाम बताया

शुरुआती पूछताछ में राकेश गुर्जर निवासी अंबाह जिला मुरैना के स्थान पर परीक्षा देने के लिए आए युवक ने पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद अपना नाम सूरज गुर्जर बताया। उसने बताया कि उसके और साथी साईं बाबा मंदिर के पास निर्मला नर्सिंग होम में ठहरे हैं। जांच करने पर पता चला कि पकड़े गए युवक का सही नाम आशीष गुर्जर है।

फर्जी वोटर कार्ड मिला

पुलिस को आशीष के पास फर्जी वोटर कार्ड भी मिला। जिसके फोटो पर आशीष लिखा हुआ था और नाम राकेश आदिवासी पुत्र बेदरी आदिवासी निवासी 14 आनंद नगर अंकित था।

बाइक छोड़कर भागे

पुलिस ने आशीष के साथियों को पकड़ने के लिए साईं बाबा मंदिर के पास निर्मला नर्सिंग होम पर दबिश दी, लेकिन रास्ते में पुलिस को आशीष के साथी नजर आ गए। इनको रोकने का प्रयास करने पर ये लोग बाइक छोड़कर भागे। पुलिस ने दौड़कर सूरज पुत्र लाखन आदिवासी, रामहरि पुत्र गौरीशंकर गुर्जर व राकेश के भाई धर्मेंद्र को पकड़ लिया।

सॉल्वर कर रहे एसआई की तैयारी

चारों आरोपियों को आमने-सामने खड़ा कर पूछताछ करने पर यह मामला सामने आया। सूरज गुर्जर ने बताया कि वह बीएससी फाइनल ईयर का छात्र है। वह एसआई की तैयारी कर रहा है। आशीष उसका दोस्त है। वह भी एसआई की तैयारी कर रहा है। दोनों समीक्षा कोचिंग में पढ़ रहे हैं। उसने रामहरि गुर्जर के स्थान पर परीक्षा दी है। उसका सेंटर महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज में था। उसी ने आशीष को राकेश के स्थान पर परीक्षा देने के लिए राजी किया था।

प्रति छात्र मिलने थे 50 हजार रुपए

सूरज गुर्जर ने बताया कि उसे प्रति छात्र 50 हजार रुपए मिलने थे। रामहरि से उसने 10 हजार रुपए एडवांस लिया था, लेकिन अभी आशीष गुर्जर को पैसे नहीं दिए हैं। वह परीक्षा देकर आ गया और पकड़ में नहीं आया।

राकेश आदिवासी नहीं गुर्जर है

सूरज ने ही खुलासा किया कि आशीष ने राकेश आदिवासी के स्थान पर परीक्षा दी थी। राकेश वास्तविकता में आदिवासी नहीं, बल्कि गुर्जर है। आदिवासी कोटे से सिलेक्शन आसानी से हो जाएगा। इसलिए जाति प्रमाण-पत्र से लेकर एड्रेस प्रूफ तक फर्जी बनावाए थे, जो कि पुलिस ने बरामद कर लिए हैं।

कॉपी जमा कर सेंटर से बाहर आ गया फर्जी छात्र

सूरज गुर्जर ने पुलिस के सामने कबूल किया कि वह भी 10वीं पास रामहरि गुर्जर के स्थान पर परीक्षा देकर आ रहा है। उसका सेंटर महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज था। पुलिस को इसके पास से प्रश्न पत्र भी मिला। सीएसपी डीबीएस भदौरिया व टीआई थाना पड़ाव सोम सिंह रघुवंशी फुर्ती से सेंटर पहुंचे। वहां जाकर मालूम पड़ा कि केंद्राध्यक्ष ने आंसर शीट सील कर दी है। पुलिस ने वस्तुस्थिति से अवगत कराया और आंसर शीट जब्त कर केंद्राध्यक्ष से कार्रवाई करने के लिए कहा। पड़ाव थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ परीक्षा एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

प्रगति विद्यापीठ स्कूल से भी 2 सॉल्वर पकड़े

फोटो मिसमैच होने पर पुलिंदर पुत्र पातीराम सिंह गुर्जर के स्थान पर परीक्षा देने के लिए आए सतेंद्र पुत्र रामवीर सिंह गुर्जर निवासी-- व रामाधार पुत्र जनक सिंह गुर्जर के स्थान पर परीक्षा देने केलिए दशरथ गुर्जर निवासी... को पकड़ा है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने 50हजार में सिलेक्शन कराने का ठेका लिया था। सतेंद्र गुर्जर को 5 हजार रुपए एडवांस के रुप में मिला था।