अबू धाबी : खाड़ी क्षेत्र के प्रमुख देश संयुक्त अरब अमीरात के साथ आतंक के खिलाफ मुहिम और निवेश को आमंत्रित करने के एजेंडा के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे और अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम की शुरुआत यहां स्थित विश्व की तीसरी सबसे बड़ी मस्जिद के दीदार के साथ की।
किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा 34 साल बाद यूएई की यात्रा पर यहां पहुंचे मोदी 1,80,000 वर्ग फुट के प्रांगण वाली शेख जायेद भव्य मस्जिद देखने गए।
क्रीम रंग का कुर्ता और सफेद और नारंगी रंग का अंगवस्त्रम पहने मोदी ने लगभग 54 करोड़ डालर की लागत से बनी इस मस्जिद को देखा और इस इबादतगाह के सात आकारों वाले 82 गुंबदों में खास रुचि दिखाई।
मस्जिद में आगंतुक पुस्तिका में मोदी ने लिखा, ‘मैं इस शानदार, विशाल और खूबसूरत इबादतगाह में आकर प्रसन्न हूं। यह दुनिया भर की रचनात्मकता और कौशल की बदौलत निर्मित मानवीय उपलब्धि और एकता का बेजोड़ नमूना है। मुझे विश्वास है कि यह शांति, करूणा, सौहार्द और समावेशिता का प्रतीक होगी जो इस्लाम की आस्था का अभिन्न अंग है।’ इससे पहले यहां पहुंचने पर हवाई अड्डे पर अबू धाबी के शहजादे और उनके पांच भाइयों ने प्रोटोकाल से हटते हुए मोदी का स्वागत किया।
इस साल मई में शहजादे ने मोरक्को के बादशाह का स्वागत किया था। संयुक्त अरब अमीरात में लगभग 26 लाख भारतीय रहते हैं जो उस देश की आबादी का 30 प्रतिशत है। मोदी एक वर्ग किलोमीटर में फैले आई कैड आवासीय श्रमिक शिविर गए जहां हजारों की संख्या में भारतीय उपमहाद्वीप के कर्मी रहते हैं। मोदी ने यहां भारतीय कमगारों से बात की और उनकी समस्याएं सुनी तथा इस बारे में चर्चा की कि भारत सरकार उनकी किस तरह से मदद कर सकती है। मोदी ने यहां प्रवासी कामगारों के साथ समूह फोटो भी खिंचाया। दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों ने इन चुनिंदा 300 भारतीयों को मोदी से मिलने की अनुमति दी थी।
मोदी ने एक स्थानीय दैनिक को दिये अपने इंटरव्यू में शनिवार को यूएई के शीर्ष नेतृत्व से होने वाली अपनी वार्ता के एजेंडा का स्पष्ट संकेत दिया था। उसमें प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह चाहते हैं कि यूएई व्यापार और आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में भारत का अग्रणी साझेदार बने।
मोदी ने कहा कि क्षेत्र में उग्रवाद सहित सुरक्षा और सामरिक मामलों में दोनों देशों की साझा चिंताएं हैं।
मोदी ने कहा था, ‘हमारी इस क्षेत्र में आतंकवाद, चरमपंथ समेत व्यापक साझा सुरक्षा और सामरिक चिंताएं हैं। ऐसे में भारत और यूएई की दूसरे के प्रति शीर्ष प्राथमिकताएं हैं। मैं यूएई को इस दृष्टि से देखता हूं। भारत के आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा हितों के लिए खाड़ी क्षेत्र महत्वपूर्ण है।’ मोदी ने आगे कहा कि वह तेजी से बढ़ती इस अरब अर्थव्यवस्था और इसके दूरदर्शी और व्यवहारिक नेतृत्व के साथ सुरक्षा, ऊर्जा और निवेश के क्षेत्रों में खासतौर पर सामरिक साझेदारी को बढ़ाने को इच्छुक हैं।
ऊर्जा और व्यापार में सहयोग बढ़ाने के अलावा मोदी भारत को निवेशकों के समक्ष एक आकषर्क निवेश स्थल के रूप में पेश करेंगे। अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) के महानिदेशक हामिद बिन जायेद अल नह्यान ने मोदी के सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया है।
एडीआईए 800 अरब डॉलर का स्वतंत्र कोष है और भारत ढांचागत क्षेत्रों में इससे निवेश का आकांक्षी है। 1970 के दशक में भारत और यूएई के बीच कारोबार 18 करोड़ डॉलर था जो आज बढ़कर 60 अरब डालर हो चुका है। चीन और अमेरिका के बाद 2014-15 में यूएई, भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री के रूप में 1981 में इंदिरा गांधी यूएई गई थीं।
यहां पहुंचने पर अरबी में मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘खुशामदीद यूएई। मैं इस यात्रा को लेकर बहुत आशावान हूं। मुझे विश्वास है कि इस यात्रा के नतीजों से भारत और यूएई के संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।’ मोदी ने ट्वीट करके कहा, ‘मैं महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नह्यान द्वारा मेरा हवाई अड्डे पर स्वागत किये जाने का तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं।’ हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का पारंपरिक रूप से स्वागत भी किया गया।
मोदी की इस यात्रा को भारत और यूएई के बीच व्यापार एवं सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। मोदी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह चाहते हैं कि यूएई आतंकवाद विरोधी मुहिम में भारत का अग्रणी सहयोगी बने। यूएई की शानदार उपलब्धियों पर मोदी ने कहा कि यह खाड़ी देश मरूस्थल पर बना एक स्वर्ग है जो अतुलनीय दृष्टि और कौशल का प्रतीक है।
शेख जायेद मस्जिद के दीदार के साथ मोदी ने शुरू की यूएई यात्रा, भारतीय कामगारों से मिले
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