ग्वालियर : पीएमटी कांड में ज्यादातर आरोपी मेमोरेंडम के आधार पर ही आरोपी बनाकर एसआईटी ने जेल पहुंचाए है। इनमें ज्यादातर दलाल और तथाकथित रैकेटियर है। जबकि इनके पास से पुलिस ज्यादा कुछ बरामदगी नही कर सकी है। अब ऐसे में कोर्ट में केस पुलिस की ओर से कमजोर साबित होने के आसार है। कमजोर साक्ष्य के चलते एसआईटी पर सवाल उठ सकते है।
ग्वालियर एसआईटी ने पीएमटी कांड की विवेचना में अब तक 350 लोगो को फर्जीवाड़े का आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इसके बाद अब भी 50 से ज्यादा आरोपी पुलिस की गिरफ्त से फरार है। कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद अब एसआईटी की विवेचना खुद कटघरे में खड़ी होती नजर आ रही है। विवेचना से जुड़े सूत्रों की माने तो एसआईटी ने ज्यादातर रैकेटियर और दलालों को मेमोरेंडम के आधार पर आरोपी बनाया है। इसमें एक के कहने भर से दूसरे को आरोपी बनाया है। साथ ही मेमोरेंडम पर आरोपी बनाने के बाद कोई ठोस बरामदगी भी नही हो सकी है। खासतौर पर एडमिशन के नाम पर रकम के लेन-देन के कोई मजबूत साक्ष्य नही लिए गए है। ऐसे में कोर्ट में पुलिस की कहानी की दम निकल सकती है। फिलहाल सीबीआई इन मामलों में दोबारा विवेचना कर सकती है। उसकी प्राथमिकता बरामदगी कराना रहेगी। इसके साथ ही एसआईटी ने किन साक्ष्यों को आधार मानकर आरोपी जेल पहुंचाए है, इसकी जांच पहले होगी।
केवल दो से ही औपचारिक बरामदगी
पीएमटी कांड में एसआईटी ने किसी से बरामदगी नही की। केवल दो ही रैकेटियर से पुलिस ने लेने देन के संदेह में बरामदगी की। इनमें एक डॉ. विशाल यादव की मारुती रिट्ज कार व जूडा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. दीपक यादव की होंडा एकोर्ड बरामद की थी। इसके अलावा पुलिस किसी और से बरामदगी के नाम पर कुछ नही जब्त कर सकी।
डाटा रेडी, सीबीआई कब आएगी पता नहीं
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद व्यापमं कांड की जांच अब सीबीआई करेगी। कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद ग्वालियर एसआईटी ने केस डायरी व दस्तावेजों को बांध कर सीबीआई को डाटा सुपुर्द करने की पूरी तैयारी कर ली है। इस सबंध में पुलिस मुख्यालय भोपाल से भी आदेश मिले थे। जबकि सीबीआई की टीम ग्वालियर कब आने वाली है, इस बारे में अभी किसी को नही पता। सीबीआई ने भी इस बारे में अभी तक कोई आॅफिशियल सूचना ग्वालियर एसआईटी को नही दी है।
10 हजार पन्नों की केस डायरी
एसआईटी ने आरोपियों की धरपकड़ करने के बाद उनके खिलाफ केस दर्ज किए। ग्वालियर में 449-13 और 138-13 में केस नंबर की डायरी में थोक में आरोपी है। इसके अलावा सभी एफआईआर मिलाकर दस्तावेज 10 हजार पेज के है। इन्हे लेने एसआईटी की टीम कभी भी ग्वालियर आ सकती है। एक कॉपी रखेगी जिला पुलिस वही एसआईटी भी दस्तावेजों की एक कॉपी अपने पास भी रखेगी।
इनका कहना है
सीबीआई को दस्तावेज सौंपने के आदेश हमें भोपाल से मिले थे। हमने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। अब सीबीआई कब ग्वालियर आएगी, यह हमें नही बताया है। जब भी टीम आएगी उन्हे मामले से अवगत करा कर दस्तावेज सौंप दिए जाएंगे।
वीरेन्द्र जैन, एएसपी (एसआईटी प्रभारी)