भोपाल : ई रजिस्ट्री कराने वाले लोगों के लिए स्टांप शुल्क के भुगतान में बैंकों की परिचालन व्यवस्था आड़े आ रही है। बैंकों द्वारा भुगतान के लिए हिन्दी भाषा का उपयोग नहीं करने के कारण ऐसी स्थिति बनी है। इन हालातों को देखते हुए प्रदेश में एक जुलाई से शुरू हुई ई रजिस्ट्री के भुगतान के लिए लोगों को हिन्दी के बजाय अंग्रेजी में आईजी पंजीयन की वेबसाइट पर आवेदन करने का अनुरोध किया जा रहा है। आईजी कार्यालय के अफसरों के अनुसार ऐसा नहीं करने पर बैंकों के साफ्टवेयर भुगतान स्वीकार नहीं करते हैं।
प्रदेश में जमीन और भवन की खरीद-फरोख्त का 90 फीसदी काम हिन्दी भाषा में होता है पर एक जुलाई से शुरू हुई ई-रजिस्ट्री में यही हिन्दी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी है। आईजी पंजीयन एवं मुद्रांक की वेबसाइट में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर ई रजिस्ट्री के लिए आॅनलाइन आवेदन किया गया है तो आॅनलाइन स्टांप ड्यूटी के भुगतान के लिए खरीददार को लॉगिन पेज में अंग्रेजी भाषा का चयन करना होगा, अन्यथा भुगतान नहीं हो सकेगा। अगर हिन्दी भाषा में लॉगिन किया गया है तो उससे लॉगआउट होकर दोबारा अंग्रेजी भाषा में लॉगिन करना होगा तभी आॅनलाइन पेमेंट हो सकेगा।
अब तक इन जिलों में हो रही थी ई रजिस्ट्री
सम्पदा साफ्टवेयर के अन्तर्गत दस्तावेजों के ई पंजीयन की व्यवस्था पायलट चरण में उप पंजीयक कार्यालयों सीहोर, उज्जैन, टीकमगढ़, बालाघाट, अनूपपुर में दिनांक 15 दिसम्बर 2014 से प्रचलित है। तीस जून को इन पांच जिलों में कुल 112 दस्तावेज ई-पंजीकृत हुए हैं और 45 लाख 70 हजार की आमदनी हुई है। जून माह में हुई ई रजिस्ट्री की संख्या 2918 रही है जबकि ई रजिस्ट्री से आय 10 करोड़ 95 लाख 48 हजार रुपए हुई।
अब तक कुल 15240 ई रजिस्ट्री हो चुकी है जिससे सरकार को 68 करोड़ 15 लाख 86 हजार रुपए मिले हैं।
मैन्युअल रजिस्ट्री भी होगी
डीआईजी पंजीयन श्रीकांत पांडेय बताते हैं कि एक जुलाई से ई रजिस्ट्री तो होगी पर साथ ही मैन्युअल रजिस्ट्री भी जारी रहेगी। एक से दो माह में ई-रजिस्ट्री में होने वाली गड़बड़ियां सामने आ जाएंगी और उन्हें दुरुस्त कर लिया जाएगा। इसके बाद ई-रजिस्ट्री ही होगी। मैन्युअल रजिस्ट्री बंद कर दी जाएगी। वित्त मंत्री जयंत मलैया ने भी ई रजिस्ट्री सेवा शुरू करने के दौरान एक माह में सभी दिक्कतें हल करने के निर्देश अफसरों को दिए हैं।
ई-स्टाम्प पेमेंट में बैंकों का रोड़ा
← पिछली खबर
आपके विचार
पाठको की राय