एथेंस : ग्रीस के ऋण संकट का जोखिम उस समय और बढ़ गया जब वहां के वित्त मंत्री यानिस वाराउफाकिस ने आज कहा कि उनका देश अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आई.एम.एफ.) के कर्ज का भुगतान आज नहीं कर सकता।
 
वित्त मंत्री से उनके मंत्रालय के बाहर पत्रकारों ने जब यह पूछा कि क्या ग्रीस आई.एम.एफ. के 1.5 अरब यूरो के ऋण का आज भुगतान करेगा तो उन्होंने 'नहीं' में जवाब दिया। इससे पहले ग्रीस ने कर्जदताओं को दो साल के लिए मदद के वास्ते कर्ज पुनर्गठन का एक नया प्रस्ताव दिया। इस बात की जानकारी ग्रीस के प्रधानमंत्री अलेक्सिस सिप्रस के कार्यालय ने दी, जिसे कर्जदाताओं के साथ इस संकट को सुलझाने के अंतिम प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
 
प्रधानमंत्री कार्यालय का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ग्रीस आई.एम.एफ. के कर्ज भुगतान में चूक करने की स्थिति के करीब पहुंच गया था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इस बयान पर कर्जदाताओं की क्या प्रतिक्रिया रही।
 
ग्रीस सरकार के बयान में कहा गया, ''ग्रीस की सरकार ने ईएसएम (यूरोपीय स्थायित्व प्रणाली) को अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए तथा कर्ज पुनर्गठन के साथ दो-वर्षीय सौदे का प्रस्ताव दिया है।'' बयान में कहा गया कि ग्रीस हमेशा से यूरो में बने रहने के लिए व्यवहार्य समाधान चाहता रहा है।
 
यूरोपीय संघ, यूरोपीय केंद्रीय बैंक और आई.एम.एफ. जैसे ऋणदाताओं से ग्रीस के अंतर्राष्ट्रीय राहत पैकेज कार्यक्रम की मियाद भी आज समाप्त हो रही है। हालांकि यूरोपीय आयोग ने ग्रीस से अपील की है कि वह कर्ज भुगतान के प्रस्तावित कार्यक्रम को स्वीकार कर ले, वैसे कर्जदाता इस प्रस्ताव में थोड़े फेरबदल की संभावना से भी इनकार नहीं कर रहे हैं।
 
यदि कोई समझौता नहीं होता है तो ग्रीस आईएमएफ के कर्ज भुगतान में चूक कर सकता है और इसकी वजह से उसे यूरो क्षेत्र से बाहर निकलना पड़ सकता है, जो यूरोपीय संघ की एकीकृत मुद्रा परियोजना और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी बड़ा झटका होगा।
 
ग्रीस ऋण भुगतान में चूक करता है तो वर्ष 2001 के बाद आई.एम.एफ. के भुगतान में चूक करने वाला वह पहला देश हो जाएगा। इससे पहले जिम्बाब्वे ने समय पर ऋण नहीं चुकाया था। जीवनस्तर के लिहाज से चूक करने वाला ग्रीस सबसे अमीर देश होगा। प्रधानमंत्री सिप्रस ने भी करीब-करीब स्पष्ट कर दिया है कि ग्रीस आई.एम.एफ. के 1.5 अरब यूरो के बकाए का भुगतान आज नहीं कर पाएगा।
 
जर्मनी की चांसलर एंजला मर्केल ने भी नीति निर्माताओं से कहा है कि उन्हें आज ग्रीस में कोई नया घटनाक्रम होने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्रीस संकट से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता है और इससे यूरो क्षेत्र पर पडऩे वाले असर को लेकर भयभीत होने की जरूरत नहीं है। सूत्रों के मुताबिक मर्केल ने कहा कि यूरो क्षेत्र के शेष 18 देशों का मजबूती से साथ खड़ा होना चाहिए।