
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने आज संकेत दिया कि इंडसइंड बैंक मामले में नियामकीय जांच में सेबी यह देख रहा है कि इसमें किसी के द्वारा नियमों का ‘घोर उल्लंघन’ तो नहीं किया गया है। सेबी के चेयरमैन ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब निजी क्षेत्र का यह बैंक डेरिवेटिव लेखा मामलों और बैंक अधिकारियों द्वारा भेदिया कारोबार के आरोपों के घेरे में है।
उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए पांडेय ने कहा, ‘इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को जो करना है वह कर रहा है और सेबी अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले पहलुओं को देख रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘सेबी इसकी पड़ताल कर रहा है कि किसी व्यक्ति ने नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया है।
बुधवार को चौथी तिमाही के नतीजों के बाद विश्लेषक से बातचीत में इंडसइंड बैंक ने खुलासा किया था कि उसके बोर्ड को संदेह है कि ‘बैंक के कुछ कर्मचारियों द्वारा अकाउंटिंग और फाइनैंस रिपोर्टिंग में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए बैंक के खिलाफ धोखाधड़ी की गई होगी’। बैंक के बोर्ड ने कहा कि उसने नियामक प्राधिकरणों और अन्य जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी देने सहित बैंक को अन्य आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
डेरिवेटिव अकाउंटिंग मुद्दे पर इंडसइंड बैंक ने कहा कि वह भविष्य में इस तरह की चूक को रोकने के लिए आंतरिक नियंत्रण प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाने के लिए उपाय कर रहा है। इस साल अप्रैल में सुमंत कठपालिया ने इंडसइंड बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया था जबकि बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो और अकाउंटिंग में विसंगतियों के बाद अरुण खुराना ने उप सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था।
इंडसइंड बैंक के अधिकारियों ने जब खुले बाजार में शेयर बेचे थे तो उनके पास मूल्य को प्रभावित करने वाली अप्रकाशित संवेदनशील जानकारी होने की संभावना है। इसे देखते हुए भेदिया कारोबार की भी जांच की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि नियामक ने इन अधिकारियों द्वारा बेचे गए शेयरों का ब्योरा भी मांगा था।
स्टॉक एक्सचेंजों से मिली जानकारी से पता चलता है कि मई 2023 और जून 2024 के बीच कठपालिया ने करीब 9.50 लाख शेयर 134 करोड़ रुपये में बेचे जबकि खुराना ने 5.50 लाख शेयर 82 करोड़ रुपये में बेचे। ये शेयर उन्हें ईसॉप्स के जरिये मिले थे। हालांकि सूत्रों ने कहा था कि अधिकारियों ने अपने शेयर बचेने से पहले अनुपालन टीम से पूर्व अनुमति ली होगी। इंडसइंड बैंक का शेयर 1.7 फीसदी बढ़कर 783.5 रुपये पर बंद हुआ।
इंडसइंड बैंक को जनवरी-मार्च तिमाही में 2,329 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। उच्च प्रावधान और डेरिवेटिव तथा माइक्रोफाइनैंस खंड में लेखा विसंगतियों के कारण बैंक को इतना घाटा उठाना पड़ा।