भोपाल : राज्य शासन ने युद्ध एवं सैनिक कार्यवाही में विभिन्न प्रकार की बेटल केज्युल्टी को पात्रता का आधार मान्य किये जाने की स्वीकृति दी है। इसमें विदेशी सेना, सशस्त्र व्यक्तियों, सीमा पुलिस से मुठभेड़ या सरकार के आदेश पर विदेश में शांति स्थापना में सक्रिय सेवा के दौरान दुर्घटना, विदेशी हवाई हमला प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष के फलस्वरूप दुर्घटना, सशस्त्र विरोधियों के विरुद्ध कार्यवाही अथवा आंतरिक सुरक्षा एवं आवश्यक सेवाओं के संधारण के लिये नागरिक सुरक्षा अधिकारियों को मदद के दौरान दुर्घटना, युद्ध जैसी कार्यवाही की तरह शांति काल में लड़ना या पड़ोसी देश से सीमा में मुठभेड़ में दुर्घटना तथा युद्ध/सैनिक कार्यवाही के लिये सेना का संचालन या तैनाती के समय आंतकवादियों/देश-विरोधी घटकों द्वारा रेलगाड़ी/बस/पोत/हवाई जहाज में सुरंग/बम विस्फोट के फलस्वरूप दुर्घटना को भी शामिल किया गया है।

'युद्ध/सैनिक कार्यवाही के लिये सेना का संचालन या तैनाती के समय आंतकवादियों/देश-विरोधी घटकों द्वारा रेलगाड़ी/बस/पोत/हवाई जहाज में सुरंग/बम विस्फोट के फलस्वरूप दुर्घटना'' जैसी घटनाओं के कारण शहीद हुए सैनिकों/अधिकारियों के संबंध में मध्यप्रदेश कारगिल सहायता-निधि से सहायता राशि उपलब्ध करवाने के लिये प्रस्ताव संचालक, सैनिक कल्याण द्वारा संदर्भित परिपत्रों को ध्यान में रखते हुए विभाग को भेजे जायेंगे।

युद्ध अथवा सैनिक कार्यवाही में सेना तथा अर्द्ध-सैनिक बलों के मध्यप्रदेश राज्य के निवासी अधिकारी/सैनिकों की मृत्यु होने पर उनकी विधवाओं/आश्रितों अथवा विकलांग हुए कर्मियों को मुख्यमंत्री कारगिल सहायता-कोष से वित्तीय एवं अन्य सहायता उपलब्ध करवाने के लिये आर्मी हेडक्वार्टर द्वारा जारी बेटल केज्युल्टी आदेश को अभी तक पात्रता का आधार माना जाता रहा है। आर्मी हेडक्वार्टर द्वारा बेटल केज्युल्टी की परिभाषा में उपरोक्त प्रकार की दुर्घटना को भी शामिल किया गया है। गृह विभाग के मार्च, 2013 के परिपत्र द्वारा युद्ध एवं सैनिक कार्यवाही के साथ-साथ आतंकवादी, नक्सलवादी तथा आंतरिक सुरक्षा कार्यवाही के दौरान शहीद अथवा विकलांग होने वाले सेना एवं केन्द्रीय अर्ध-सैनिक बलों के अधिकारियों तथा सैनिकों के लिये भी संदर्भित परिपत्रों के प्रावधान लागू किये गये हैं।