ग्वालियर। माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा 12वीं का परीक्षा परिणाम रविवार को घोषित किया गया। इस बार जिले का परीक्षा परिणाम 54.67 रहा। यह परिणाम निर्धारित लक्ष्य 60 प्रतिशत से 5.53 प्रतिशत कम है। वहीं परीक्षा परिणाम के आते ही स्कूल शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों द्वारा बोर्ड परीक्षा का परिणाम बढ़ाने के लिए की गईं सारी कोशिशों की पोल खुल गई है। इसकी वजह से अब उन प्राचार्यों के ऊपर विभागीय गाज गिरना तय है, जिनका परीक्षा परिणाम खराब रहा है।

जिले के 12वीं बोर्ड के परीक्षा परिणाम में लड़कियों ने लड़कों से बाजी मार ली। इस परीक्षा में छात्राओं का परीक्षा परिणाम 58.62 प्रतिशत रहा, जबकि छात्रों का परिणाम 52.19 प्रतिशत रहा। इस वर्ष लड़कों की तुलना में लड़कियों का परीक्षा परिणाम 6.43 प्रतिशत अधिक रहा है।

ये है जिले की स्थिति

कुल छात्रों की संख्या : 18032

परीक्षा में सम्मिलित छात्रों की संख्या : 17861

अनुपस्थित : 171

प्रथम श्रेणी लाने वाले छात्र : 4898

द्वितीय श्रेणी लाने वाले छात्र : 4299

तृतीय श्रेणी लाने वाले छात्र : 556

पूरक छात्रों की संख्या : 2752

उत्तीण छात्रों की संख्या : 9754

अनुत्तीर्ण छात्रों की संख्या : 5334

रुका हुआ परीक्षा परिणाम : 21

जिले का कुल परीक्षा परिणाम : 54.67 प्रतिशत

जिले में कुल छात्राओं का परीक्षा परिणाम : 58.62 प्रतिशत

जिले में कुल छात्रों का परीक्षा परिणाम : 52.19 प्रतिशत

प्रावीण्य सूची में शासकीय स्कूल से सिर्फ एक

शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 1 मुरार को छोड़कर जिले के किसी भी शासकीय स्कूल का कोई भी छात्र प्रदेशस्तरीय प्रावीण्य सूची में स्थान नहीं बना पाया है। प्रावीण्य सूची में उत्कृष्ट विद्यालय के छात्र शौर्य प्रताप सिंह (8वां गणित समूह) के साथ-साथ एक निजी स्कूल के छात्र महिमन अग्निहोत्री (6वां गणित समूह)ने अपना नाम दर्ज कराया है। वहीं जिला स्तर पर शासकीय स्कूलों में से सिर्फ गोरखी उमावि स्कूल के हर्ष कुशवाह और हिमांशु कुशवाह को इस सूची में स्थान मिला है।

स्वाध्यायी छात्रों का परिणाम

जिले के स्वाध्यायी छात्रों का परिणाम 47.05 रहा है। परीक्षा में स्वाध्यायी छात्रों के रूप में 3140 छात्र सम्मलित हुए थे, जबकि 271 छात्र परीक्षा में अनुपस्थित रहे।

कलेक्टर करेंगे समीक्षा

खराब बोर्ड परीक्षा परिणाम लाने वाले प्राचार्यों को अब परीक्षा परिणाम के बारे में सीधे कलेक्टर डॉ. संजय गोयल को जानकारी देनी होगी। कलेक्टर जल्द ही परीक्षा परिणाम की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही ऐसे प्राचार्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है, जिनका परीक्षा परिणाम खराब रहा है।