इंदौर: ओलंपिक खेलों में भारत के पदकों की संख्या बढ़ाने के लिए खेल सुविधाओं में इजाफे की जरूरत पर जोर देते हुए दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने आज भरोसा जताया कि सरकार की टारगेट ओलम्पिक पोडियम (टॉप) स्कीम के जरिए ओलंपिक खेलों में देश के पदकों में बढ़ोतरी होगी। एक कार्यक्रम में शामिल होने यहां आये सुशील ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं मानता हूं कि टॉप स्कीम के जरिए सुविधाएं बढऩे से ओलंपिक खेलों में भारत के पदकों की संख्या में भी इजाफा होगा। अगर इतना बड़ा देश ओलंपिक खेलों मेें महज चार या पांच पदक जीतता है, तो इससे सबको मायूसी होती है।’
उन्होंने कहा, ‘ओलंपिक खेलों में ज्यादा से ज्यादा भारतीय पदकों की जीत सुनिश्चित करने के लिये इसी तरह सुविधाएं बढ़ाए जाने की जरूरत है।’ सरकार ने वर्ष 2016 के रियो ओलंपिक खेलों के मद्देनजर टॉप स्कीम के तहत जिन 45 एथलीटों का चुना है, उनमें सुशील भी शामिल हैं। इस नई योजना के तहत इन एथलीटों को ओलंपिक खेलों की तैयारी के लिये वित्तीय मदद मुहैया करायी जायेगी।
सुशील ने कहा कि वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक के बाद भारत में ओलंपिक खेलों को लेकर जागरूकता बढ़ी और पहले से ज्यादा लोग इन खेलों की तरफ आकर्षित होने लगे। देश के शीर्ष पहलवान ने बताया कि उन्होंने इस साल सितंबर के दौरान अमेरिका में होने वाली विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप पर अपना ध्यान केंद्रित कर रखा है। लेकिन वह अगले महीने दोहा में होने वाली एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में इसलिए हिस्सा नहीं लूंगा, क्योंकि हमें देश के लिये पदक जीत सकने वाले जूनियर खिलाडिय़ों की नई खेप तैयार करने की जरूरत है।’